नई दिल्ली न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज साइमन डूल का मानना है कि यह गलत धारणा है कि भारतीय बल्लेबाज स्पिन को अन्य बल्लेबाजों से बेहतर खेलते हैं। बेंगलुरु में भारतीय बल्लेबाजी पहली पारी में बुरी तरह फ्लॉप हुई, जिसका खामियाजा उन्हें हार से चुकाना पड़ा। वहीं, एक बार फिर पुणे टेस्ट में भी यही नजारा दिखा।
पुणे में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन के बाद डूल ने यह बयान दिया।
पहली पारी में भारत 156 रन पर ढेर हो गया। कीवी टीम के लिए मिचेल सेंटनर ने अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ (7-53) का स्पैल डाला। भारत ने स्पिन के सामने 9 बल्लेबाजों को खो दिया, जिसमें विराट कोहली, रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन जैसे सीनियर खिलाड़ी शामिल थे।
इस सीरीज में लगातार भारतीय बल्लेबाजी लड़खड़ाई नजर आई, जिससे स्पिनरों से निपटने की भारत की क्षमता पर संदेह पैदा हो गया। बेंगलुरु में पहले टेस्ट की पहली पारी में भारत 46 रन पर ढेर हो गया और मैच आठ विकेट से हार गया।
डूल ने दावा किया कि वे दिन चले गए जब भारतीय बल्लेबाज- सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ भारतीय धरती पर स्पिनरों का फायदा उठाते थे। उन्होंने कहा कि कोई भी बेहतरीन स्पिन आक्रमण अब भारतीय बल्लेबाजों को उन्हें घरेलू मैदान पर भी चुनौती दे सकता है।
डूल ने शुक्रवार को लंच ब्रेक के दौरान जियो सिनेमा से बातचीत में कहा, “मुझे लगता है कि अब दुनिया भर में यह गलत धारणा बन गई है कि ये आधुनिक भारतीय खिलाड़ी किसी और की तुलना में स्पिन खेलने में बेहतर हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, वे दुनिया भर के बाकी सभी लोगों की तरह ही हैं। गांगुली, गंभीर, लक्ष्मण और द्रविड़ के दिन चले गए। सचिन स्पिन के खिलाफ बहुत अच्छे थे, और उनसे पहले का दौर भी शानदार था। मुझे लगता है कि अच्छी गुणवत्ता वाले स्पिनर भारत को टर्निंग ट्रैक पर आउट करने में उतने ही अच्छे हैं, जितने कि अच्छी गुणवत्ता वाले विपक्षी बल्लेबाजों के खिलाफ भारतीय स्पिनर।”
इससे पहले, वाशिंगटन सुंदर ने सात विकेट लिए जबकि रविचंद्रन अश्विन ने तीन विकेट लेकर न्यूजीलैंड को गुरुवार को पहली पारी में 259 रन पर ऑल आउट कर दिया। अब तक खेली गई दोनों पारियों को देखकर यह साफ हो गया है कि पुणे की पिच से स्पिनरों को भरपूर मदद मिल रही है।
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