बेंगलुरु, 2 अगस्त । भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अब्राहम टी जे हिंदुस्तानी ने आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर मुकदमा चलाने के लिए एमयूडीए घोटाला बिल्कुल सही है।
दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक के बहुचर्चित एमयूडीए घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। विपक्षी दल भाजपा भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर सिद्धारमैया से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इसी बीच भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अब्राहम टी जे हिंदुस्तानी ने कर्नाटक की बहुचर्चित एमयूडीए घोटाले को लेकर आईएएनएस से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा, एमयूडीए घोटाला एकदम उचित मामला है। इसको लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर मुकदमा चलाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा सब कुछ पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में किया गया जबकि भाजपा शासन में केवल आंवटन दस्तावेज जारी किए गए थे।
अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा, “जिस व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है, उसने मेरे खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। हालांकि मैं इन आरोपों को झूठा मानता हूं, लेकिन उनकी वैधता को प्रमाणित करना अदालत का काम है, और मैं उस फैसले का इंतजार करूंगा।” राज्यपाल द्वारा किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्यपाल, जो मंत्रिस्तरीय सलाह के बजाय कानून के अनुसार काम करते हैं, उनके पास मंजूरी देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
इससे पहले मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में हुए कथित घोटाले पर राज्यपाल थावरचंद गहलोत से ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी की थी। इसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को इस मुद्दे पर कैबिनेट मंत्रियों की बैठक बुलाई थी।
बैठक में उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, गृह मंत्री जी. परमेश्वर, सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना, समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा, ऊर्जा मंत्री के.जे. जॉर्ज, लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली, भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल के अलावा कई अन्य कैबिनेट मंत्री शामिल हुए थे।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में इन दिनों एमयूडीए का मुद्दा गरमाया हुआ है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को नोटिस जारी कर एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी को भूमि साइटों के आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर स्पष्टीकरण मांगा।
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