November 28, 2024
National

सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को सजा दिलाना जम्मू-कश्मीर पुलिस का कर्तव्य : डीजीपी स्वैन

जम्मू, 30 नवंबर । जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर.आर. स्वैन ने गुरुवार को कहा कि पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि शांति भंग करने और सामान्य जीवन को बाधित करने की कोशिश करने वाले लोगों को सजा दी जाए।

डीजीपी ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ”लोगों को हम पर भरोसा करना होगा और अपनी पुलिस पर भरोसा रखना होगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को शांतिप्रिय नागरिकों के दैनिक जीवन में खलल डालने से रोका जाए।”

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर के एक छात्र ने पैगंबर साहब का अनादर करने के लिए एक आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड किया था। इस घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”हमने तुरंत छात्र के खिलाफ मामला दर्ज किया और निश्चिंत हैं कि हम बिना किसी डर या पक्षपात के जांच को उसके तार्किक निष्कर्ष तक ले जाएंगे।

सड़क पर उतरकर कानून-व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश करना महान पैगंबर के नाम की रक्षा करने का तरीका नहीं है, जिनका आदर और सम्मान हम सभी को प्रिय है। हम इस घटना में हम सभी की सामान्य भावनाओं की आड़ में राष्ट्र-विरोधी और शरारती तत्वों को शांति भंग करने की अनुमति न दें।”

डीजीपी ने कहा कि न केवल जम्मू-कश्मीर के भीतर, बल्कि बाहर भी लड़कों और लड़कियों के हितों की रक्षा करना पुलिस का कर्तव्य है। मैंने पहले भी कहा है कि देश के अन्य हिस्सों में पढ़ने वाले अपने छात्रों और जम्मू-कश्मीर के बाहर व्यापार आदि करने वाले स्थानीय लोगों की सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य है।

उन्होंने कहा, “यह जिम्मेदारी हम तभी सफलतापूर्वक निभा सकते हैं, जब हम जम्मू-कश्मीर में ईमानदार और गैर-पक्षपातपूर्ण तरीके से कानून लागू करेंगे।”

सीआरपीसी की धारा 144 में एक प्रावधान जोड़ा जा रहा है। जिसके द्वारा कोई भी मैसेज, कंटेंट, वीडियो, ऑडियो जिसका उद्देश्य सांप्रदायिक संवेदनशीलता को बिगाड़ना है या जिसके माध्यम से किसी को धमकी दी जाती है, चाहे ऐसा कृत्य किसी आतंकवादी नेटवर्क या असामाजिक तत्व द्वारा किया गया हो, दंडनीय होगा।

अगर किसी को किसी भी स्रोत से ऐसी आपत्तिजनक सामग्री प्राप्त होती है, तो उसे तुरंत पास के पुलिस स्टेशन में मामले की रिपोर्ट करनी चाहिए और एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए।

यदि कोई शांति भंग करने या पैगंबर साहब का अपमान करने के उद्देश्य से वीडियो, ऑडियो, टेक्स्ट या सामग्री पोस्ट करता है और आपको यह प्राप्त होता है, तो आपको पुलिस को सूचित करना होगा।

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