October 14, 2025
National

गुमनाम नायकों के योगदान को अस्वीकार करना अनुचित: वायुसेना प्रमुख

It is unfair to deny the contribution of unsung heroes: Air Force Chief

भारतीय वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बुधवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वायुसेना केवल पायलटों या गरुड़ कमांडो से नहीं चलती, बल्कि इसके पीछे अनेक शाखाओं और सेवाओं में कार्यरत हजारों लोग हैं, जो अपने-अपने स्तर पर चुपचाप श्रेष्ठ योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यदि इन लोगों की भूमिका को नजरअंदाज किया जाए तो यह बड़ी भूल होगी। एयर चीफ मार्शल ने कहा, “यदि हमारे वायुयोद्धा बहादुरी से लड़ पा रहे हैं, जोखिम उठा पा रहे हैं, तो इसकी वजह यह विश्वास है कि उनके पीछे हर जिम्मेदारी सही तरीके से निभाई जा रही है। चाहे विमान के रखरखाव करने वाले हों, वे लोग जो हमारे घर-परिवार का, वेतन या रसद का ध्यान रखते हैं, उन सब पर पूरा भरोसा होता है। इसी भरोसे के साथ हम उड़ान भरते हैं।”

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बुधवार को ‘विंग्स ऑफ वेलर’ नामक पुस्तक का लोकार्पण किया। यह आयोजन नई दिल्ली के सुब्रोतो पार्क स्थित एयर फोर्स ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। इस अवसर पर एयर फोर्स वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष सरिता सिंह भी उपस्थित रहीं। इस मौके पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि भारतीय वायुसेना केवल पायलटों या गरुड़ कमांडो के प्रयासों से नहीं चलती, बल्कि इसके पीछे अनेक शाखाओं में कार्यरत हजारों कर्मियों की भूमिका होती है।

उन्होंने कहा कि यदि हम इन ‘गुमनाम नायकों’ के योगदान को न स्वीकारें तो यह अनुचित होगा। उन्होंने इस मौके पर भारतीय वायुसेना के इन ‘गुमनाम नायकों’ के लिए जोरदार तालियों की अपील की। एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि सर्वोच्च बलिदान निस्संदेह सबसे बड़ा योगदान है, लेकिन कई ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने प्रत्यक्ष खतरे का सामना किया और हर समय जोखिम उठाया। उन्होंने विशेष रूप से मानवीय सहायता और आपदा राहत टीमों का उल्लेख किया, जो अनिश्चित परिस्थितियों और खतरनाक हालात में भी पूरी प्रतिबद्धता से सेवा करती हैं।

उन्होंने कहा, “जो कोई भी ऑपरेशन के दौरान या विमान दुर्घटना में शहीद होता है, उसके साथ हमारा भी एक हिस्सा चला जाता है। क्योंकि उन्होंने जो भी निर्णय लिए, वे उसी ज्ञान और अनुभव पर आधारित थे जो उस समय उनके पास उपलब्ध था। परिस्थितियों में सही-गलत का आकलन करना हमेशा आसान नहीं होता।” वायुसेना प्रमुख ने भावुक होते हुए कहा कि जब भी हम अपने किसी साथी को खोते हैं, तो सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि उनके साथ बिताए पलों और अनुभवों को भी खो देते हैं। लेकिन यही घटनाएं हमें और अधिक तैयार रहने और अपनी जिम्मेदारी निभाने का संकल्प भी देती हैं।

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने हल्के अंदाज में कहा कि जिस पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में वे मौजूद थे, वह केवल लेखिका की ही नहीं, बल्कि उन सभी की है जिन्होंने इसमें योगदान दिया है। कार्यक्रम का समापन एयर चीफ मार्शल ने लेखिका और उनके परिवार को शुभकामनाएं देते हुए किया। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना अपने हर सदस्य, चाहे वे अग्रिम मोर्चे पर हों या पृष्ठभूमि में, की मेहनत और समर्पण के कारण ही एक सशक्त और अदम्य शक्ति बनी हुई है।

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