October 24, 2025
National

जमाल सिद्दीकी की मांग, एमएलसी वोटर लिस्ट में कामिल-फाजिल डिग्री धारकों को शामिल करने पर लगे रोक

Jamal Siddiqui demands ban on inclusion of Kamil-Fazil degree holders in MLC voter list

अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। उन्होंने कामिल और फाजिल डिग्री धारकों को विधान परिषद (एमएलसी) मतदाता सूची में शामिल करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया।

जमाल सिद्दीकी ने पत्र के जरिए सीएम योगी से कहा कि कामिल और फाजिल डिग्री धारकों को विधान परिषद (एमएलसी) वोटर लिस्ट में शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। यह प्रक्रिया 5 नवंबर तक चलेगी।

उन्होंने कहा कि मदरसा द्वारा जारी इन डिग्रियों को मान्यता देकर इन्हें (एमएलसी) चुनाव में मतदाता बनने एवं चुनाव में हिस्सा लेने के पात्र के रूप में जोड़ा जा रहा है। यह प्रक्रिया अत्यंत चिंताजनक है, क्योंकि कामिल (स्नातक) और फाजिल (स्नातकोत्तर) डिग्रियां पारंपरिक मदरसा शिक्षा प्रणाली से जुड़ी है, जो आधुनिक विश्वविधालय शिक्षा के मानकों से मेल नहीं खाती हैं।

जमाल सिद्दीकी ने आगे कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने 5 नवंबर 2024 को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड एक्ट 2024 की वैधता को बरकरार तो रखा, लेकिन इसके उच्च शिक्षा संबंधी प्रावधानों (कामिल और फाजिल डिग्रियों) को असंवैधानिक घोषित कर दिया।

कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि ये डिग्रियां (जिन्हें स्नातक और स्नातकोत्तर के समकक्ष माना जाता था) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अधिनियम के साथ टकराव में है, क्योंकि यूजीसी ही उच्च शिक्षा के मानकों को नियंत्रित करता है। इस फैसले से ये डिग्रियां अमान्य हो गई हैं और इन्हें ग्रेजुएट के रूप में मान्यता देना विधायी प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ होगा।

उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद अधिनियम, 1961 की धारा 6(3) के अनुसार, ग्रेजुएट निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविधालय से स्तानक डिग्री होना अनिवार्य है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में कामिल और फाजिल कोर्स यूजीसी मान्यता प्राप्त स्तानक डिग्री के समकक्ष नहीं रह गए हैं।

जमाल सिद्दीकी ने कहा कि मैं विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि सर्वोच्च न्यायालय के 5 नवंबर 2024 के फैसले के अनुपालन में कामिल और फाजिल डिग्री धारकों को (एमएलसी) ग्रेजुएट मतदाता सूची में शामिल करने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए।

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