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जामिया : 150 छात्रों की फीस नहीं हो सकी जमा, अधर में लटका छात्रों का भविष्य

नई दिल्ली :    जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में लगभग 150 छात्रों की फीस जमा नहीं हो सकी। छात्रों का कहना है कि यह विलंब यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा डॉक्यूमेंट सत्यापन में देरी के कारण हुआ है। इससे छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। छात्र संगठनों का कहना है कि तकनीकी कारणों तथा यूनिवर्सिटी द्वारा विलंब किए जाने की गलती की सजा छात्रों को नहीं मिलनी चाहिए। इसी संदर्भ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र शुभम राय गुरुवार दोपहर 12 बजे से अभी रात तक प्रदर्शन कर रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों का कहना है कि जामिया प्रशासन ने छात्रों के हित में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया, उल्टा प्रदर्शनरत छात्रों को डराने-धमकाने के प्रयास जारी हैं।

जामिया के छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही से छात्र समय पर फीस नहीं भर पाए। इसके कारण उनका दाखिला अभी तक नहीं हो सका है। जामिया मिलिया इस्लामिया में गुरुवार को छात्रों के समूह ने इस विषय पर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ घेराव किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े इन छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के प्रति तानाशाह रवैया अपना रहा है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि एक छात्र को 21 नवंबर का सभी प्रमाणपत्र के वेरिफिकेशन के साथ ही फिस्लिप जारी कर दी गई थी। विद्यार्थी परिषद का कहना है कि चूंकि फिस्लिप 4 बजे जारी की गई थी, इसलिए बैंक से ऑफलाइन फीस जमा नहीं हुई, फिर उन्हें ऑनलाइन जमा करने के लिए कहा गया लेकिन ऑनलाइन भी एरर आ रहा हैं। छात्र ने दोनों समस्या को डीन को बताई डीन ने जामिया रजिस्ट्रार को लेटर भेजा तथा जामिया परीक्षा नियंत्रक को भी लेटर भेजा लेकिन आज तक उस छात्र का एडमिशन नहीं हो पा रहा है।

विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालयों में विलंब से चल रहे अकादमिक सत्र पर भी चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि कोरोना के उपरांत विलंब से चल? रहे अकादमिक सत्र को पुन पटरी पर लाने तथा एनटीए द्वारा आयोजित की जा रही परीक्षाओं में विलंब तथा तकनीकी दिक्कतों को ठीक करने की आवश्यकता है। इसके अलावा छात्र संगठन ने दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी ढंग से आयोजित कराने आदि विषयों को उठाया। छात्रों ने इन विषयों पर सरकार से छात्रों के हित में शीघ्र निर्णय लेने की मांग की है।

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