आतंकवाद के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में कार्रवाई तेज है। बुधवार को कुलगाम और शोपियां जैसे इलाकों में पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया। इस कार्रवाई का उद्देश्य पाकिस्तान से सक्रिय जम्मू-कश्मीर के मूल निवासियों (जेकेएनओपी) के रिश्तेदारों की संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाना, संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी जुटाना और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी करना है।
कुलगाम में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के खिलाफ एक्शन हुआ है। इस बड़ी कार्रवाई में कुलगाम पुलिस ने जिले भर में 200 से अधिक जेईआई ठिकानों पर छापे मारे। पुलिस ने घरों की तलाशी ली है।
वहीं, पुलिस ने शोपियां जिले में जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) समेत संदिग्ध राष्ट्र-विरोधी तत्वों को निशाना बनाकर व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है। पुलिस ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधियों पर अंकुश लगाना है।
इससे पहले, शोपियां में चेकिंग के दौरान सैकड़ों वाहनों के चालान किए गए। शोपियां पुलिस ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पूरे जिले में तलाशी और वाहन जांच तेज कर दी है। उल्लंघन और स्वामित्व हस्तांतरण न करने के आरोप में सैकड़ों लोगों का चालान किया गया।”
पिछले दिनों रामबन और बांदीपोरा में भी आतंकवादियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए व्यापक अभियान चलाए गए। बांदीपोरा पुलिस ने आतंकी और विध्वंसक गतिविधियों के तंत्र को ध्वस्त करने के एक बड़े अभियान में पाकिस्तान और पीओके से सक्रिय जम्मू-कश्मीर के नागरिकों पर कार्रवाई की। पुलिस ने नियमों का पालन सुनिश्चित करने और सिम कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए जिले भर में सिम कार्ड विक्रेताओं का सत्यापन किया। विक्रेताओं को उचित केवाईसी प्रक्रियाओं का पालन करने और सटीक रिकॉर्ड रखने के लिए जागरूक किया गया।
रामबन जिले में पुलिस, सेना, सीआरपीएफ और एसओजी इकाइयों की संयुक्त टीमों ने ड्यूटी मजिस्ट्रेटों के साथ मिलकर जिलेभर के अलग-अलग संवेदनशील इलाकों में अभियान चलाया। अभियानों के दौरान सुरक्षाबलों ने रामबन के अलग-अलग इलाकों में सक्रिय आतंकवादियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के रिश्तेदारों और ज्ञात सहयोगियों के घरों की तलाशी ली। पुलिस टीमों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई परिसरों का गहन निरीक्षण किया कि राष्ट्र-विरोधी या गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा तो नहीं दिया जा रहा है।

