November 24, 2024
National

जम्मू-कश्मीर : गगनगीर और बूटा पाथरी हमलों के बाद मिले नए सुराग, सीमा पार से घुसपैठ का खुलासा

श्रीनगर, 27 अक्टूबर । जम्मू कश्मीर के गगनगीर और बूटा पाथरी आतंकवादी हमलों की जांच से पता चला है कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर लगभग एक साल से घुसपैठ हो रही थी जिसकी जानकारी नहीं मिल सकी थी।

गत 20 अक्टूबर को गांदरबल जिले के गगनगीर में एक बुनियादी ढांचा परियोजना कंपनी के श्रमिक शिविर पर दो आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में छह गैर-स्थानीय श्रमिकों और एक स्थानीय डॉक्टर सहित सात लोग मारे गए थे।

सूत्रों ने कहा कि गगनगीर हमले की जांच से पता चला है कि खुफिया जानकारी जुटाने और घुसपैठ रोधी तंत्र में काफी खामियां हैं।

सूत्रों ने कहा, “जांच से पता चला है कि गगनगीर हमले में शामिल दो आतंकवादियों में से एक विदेशी आतंकवादी था, लेकिन माना जाता है कि दूसरा कुलगाम जिले का एक स्थानीय युवक है, जो 2023 में आतंकवादी बना था। माना जाता है कि विदेशी आतंकवादी बहुत पहले एलओसी के उस पार से घाटी में घुसपैठ कर आया था।”

उन्होंने कहा कि गगनगीर हमले में शामिल स्थानीय आतंकवादी एके-47 राइफल से लैस था, जबकि विदेशी आतंकवादी अमेरिका में बनी एम-5 असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल कर रहा था।

सूत्रों ने कहा, “कुलगाम का स्थानीय आतंकवादी बांदीपोरा जिले में नियंत्रण रेखा के तुलियल सेक्टर से अपने संगठन के माध्यम से विदेशी आतंकवादी को घाटी में घुसपैठ कराने में शामिल हो सकता है।” तुलियल की पहाड़ी श्रृंखला सीधे गगनगीर के उत्तरी हिस्से में पहाड़ों की ऊपरी सीमा तक जाती है।

सूत्रों ने कहा, “विदेशी आतंकवादी ने इस साल मार्च के आसपास तुलियल में नियंत्रण रेखा पार की होगी।” उन्होंने कहा कि गुलमर्ग में बूटा पाथरी हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादी, जिसके परिणामस्वरूप तीन सेना के जवान और दो सिविलियन पोर्टर मारे गए थे, इस साल अगस्त से गुलमर्ग के ऊपर अफरवत पहाड़ियों में छिपे हुए थे।

सूत्रों ने कहा, “घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों द्वारा अपनाई गई संशोधित रणनीति यह है कि जब तक सीमा पार से उनके आका उन्हें कोई हमला करने का आदेश नहीं देते, तब तक वे छिपे रहें।”

इस बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने कहा है कि सेना, सुरक्षा बलों और पुलिस ने अपनी रणनीति की समीक्षा की है और उसे फिर से तैयार किया है, जिससे आतंकी ढांचे को पूरी तरह से खत्म किया जा सकेगा।

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