November 27, 2024
National

जम्मू-कश्मीर: कब होगी उम्मीदवारों की सूची जारी? बीजेपी नेता रविंद्र राणा ने दिए बड़े संकेत

नई दिल्ली, 20 अगस्त जम्मू-कश्मीर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र राणा ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया।

उन्होंने कहा कि पार्टी जल्द ही उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी और आगामी दिनों में केंद्र शासित प्रदेश में किस तरह से प्रचार-प्रसार को बढ़ाना है, इस दिशा में पूरी रूपरेखा को तैयार कर उसे जमीन पर उतारने का काम करेगी। इस बीच, जब उनसे पूछा गया कि क्या किसी नए उम्मीदवारों को भी मौका दिया जाएगा, तो इस पर उन्होंने कहा कि अभी हम इसको लेकर किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं कर सकते हैं, लेकिन जब सूची जारी होगी, तो पूरी स्थिति खुद-ब-खुद स्पष्ट हो जाएगी।

रविंद्र राणा ने कहा, “बीजेपी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह से सियासी मैदान में उतर चुकी है। यहां हमारे कार्यकर्ता चुनाव की तैयारियों में जुट चुके हैं। उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी चल रही है। इस संबंध में अपनी पार्टी के कार्यकर्ता विधायक के साथ लगातार व्यापक चर्चा कर रहे हैं। वैसे भी इन सभी विषयों पर चुनाव समिति में विस्तारपूर्वक चर्चा होती है, लेकिन अंतिम निर्णय केंद्रीय चुनाव समिति की ओर से लिया जाता है। यहां सभी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और बहुत जल्द ही बीजेपी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करेगी।”

आज इस संबंध में जम्मू-कश्मीर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र राणा की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए, जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। लेकिन, अभी तक किसी भी बात को लेकर सहमति नहीं बन सकी है और जैसे ही बनेगी, तो उसे जमीन पर उतारा जाएगा।

ध्यान दें, बीते दिनों चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। घाटी में तीन चरणों मे चुनाव होंगे।

अनुच्छेद 370 के निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। इसे लेकर मतदाताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है।

बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था, जिसके बाद यह एक केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील हो गया, जिसके बाद यहां की सभी प्रशासनिक शक्तियां केंद्र सरकार को हस्तांतरित कर दी गई थी।

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