रांची, 27 जुलाई । झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने राज्य की हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर दलित समुदाय के साथ अन्याय करने और आरक्षण के नियमों का उल्लंघन कर उनका हक छीनने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा है कि झारखंड में रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए निकल रहे विज्ञापनों में अनुसूचित जाति के लिए निर्धारित आरक्षण के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। चौकीदारों की नियुक्ति की प्रक्रिया में सभी जिलों में इस वर्ग की रिक्तियां पहले ही शून्य कर दी गईं और अब झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से 170 वन क्षेत्र पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए जो विज्ञापन निकाला गया है, उसमें भी अनुसूचित जाति के लिए मात्र एक पद आरक्षित किया गया है।
बाउरी ने कहा कि इस सरकार ने कार्यकाल की शुरुआत से ही अपना दलित विरोधी चेहरा उजागर किया है। आज तक अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष पद खाली है। रांची के मेयर की सीट पहले इस समुदाय के लिए आरक्षित करने की घोषणा की गई थी, बाद में दुर्भावना से रद्द कर दिया गया। मंत्रियों की नियुक्ति में भी सरकार का यही पक्षपाती रवैया साफ नजर आया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य में दलित परिवारों से आने वाले बच्चों का जाति प्रमाण पत्र तक नहीं बन रहा है। दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय के लोगों को दलित का प्रमाण पत्र जारी कर तुष्टिकरण का खेल खुलेआम चल रहा है। इसके एक नहीं, कई उदाहरण हैं।
उन्होंने गुमला जिले के पालकोट प्रखंड निवासी दलित परिवार से आने वाले नमन नागरची नामक 11 वर्षीय बच्चे का उदाहरण देते हुए कहा कि उसका अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाया जा रहा है, जबकि उसने नवोदय विद्यालय में नामांकन की परीक्षा पास की है। दूसरी तरफ साहिबगंज जिले के उधवा प्रखंड में तारफुल बीबी नामक महिला को फर्जी तरीके से अनुसूचित जाति वर्ग प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।
नेता प्रतिपक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इससे संबंधित दस्तावेज शेयर करते हुए दोनों मामलों की जांच कराने की मांग की है।
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