रांची, 1 अगस्त । असम के सीएम और झारखंड भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा गुरुवार को झारखंड पहुंचे हैं। उनका पाकुड़ जिले के उस गोपीनाथपुर गांव का दौरा करने का कार्यक्रम है, जहां पिछले दिनों दो गुटों के बीच तकरार और मारपीट हुई थी।
सरमा ने कहा कि वह गोपीनाथपुर गांव के लोगों से मिलना चाहते हैं, लेकिन झारखंड सरकार ने उन्हें वहां जाने से मना किया है। अगर एक मुख्यमंत्री को किसी जगह पर जाने से मना किया जा रहा है तो समझा जा सकता है कि झारखंड की क्या हालत है।
सरमा ने झारखंड के दुमका में आदिवासी वीरांगनाओं फूलो मुर्मू और झानो मुर्मू की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पाकुड़ में बांग्लादेशी घुसपैठियों ने आदिवासियों की जमीन हड़पी है। मैं उनसे मिलना चाहता हूं। उनके साथ खड़ा होना चाहता हूं, लेकिन राज्य सरकार ने मुझे मना किया है।
कुछ दिनों पहले पाकुड़ जिले के गोपीनाथपुर में पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर गांव से आए लोगों ने हमला किया था। इस दौरान पथराव, आगजनी, बमबाजी और कई राउंड फायरिंग की गई थी।
भाजपा का आरोप है कि हमलावरों में बांग्लादेशी घुसपैठिए शामिल थे। सरमा का पाकुड़ में केकेएम कॉलेज के आदिवासी छात्रों से मिलने का भी कार्यक्रम है। इस कॉलेज के हॉस्टल में 26 जुलाई की रात पुलिस ने कई छात्रों की पिटाई की थी।
झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राज्य की सरकार ने हिमंता बिस्वा सरमा को गोपीनाथपुर गांव के लोगों और पाकुड़ में कॉलेज छात्रों से मुलाकात करने से रोक दिया है।
मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “कांग्रेस-झामुमो की सरकार झारखंड में लोकतंत्र की गला घोंटने पर आमादा है। पाकुड़ एसपी के निर्देश पर बेरहमी से पीटे गए आदिवासी छात्रों की आवाज दबाकर हेमंत सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। असम के माननीय मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा जी पीड़ित आदिवासी छात्रों से मिलकर दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी लेना चाहते हैं, लेकिन राज्य सरकार के इशारे पर उन्हें मिलने से रोक दिया गया है। आखिरकार हेमंत सरकार किस डर से एक जनप्रतिनिधि को छात्रों से मिलने से रोक रही है? सरकार कौन सी साजिश को छिपाने का प्रयास कर रही है?”
मरांडी ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, “असम के माननीय मुख्यमंत्री को हेमंत सरकार ने पाकुड़ जाने से रोक दिया है। हेमंत जी, एक तरफ बांग्लादेशी घुसपैठियों को पूरे झारखंड में भ्रमण करने और रहने-बसने की खुली छूट दे रखी है, वहीं, एक राज्य के मुख्यमंत्री को ही अपने देश की जनता से मिलने से रोका जा रहा है।”