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झारखंड हाईकोर्ट ने राज्यसभा हॉर्स ट्रेडिंग में राजकुमार अग्रवाल पर सीबीआई कोर्ट में चल रहा केस किया निरस्त

Jharkhand High Court cancels the ongoing case in CBI court against Rajkumar Aggarwal in Rajya Sabha horse trading.

रांची, 21 अगस्त। झारखंड में वर्ष 2012 के राज्यसभा चुनाव में ‘नोट फॉर वोट’ के बहुचर्चित केस के आरोपी जमशेदपुर के कारोबारी राजकुमार अग्रवाल को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ सीबीआई कोर्ट में चल रहे ट्रायल को झारखंड हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है।

इस मामले में झामुमो की विधायक रही सीता सोरेन, उनके पिता बोध नारायण मांझी, राजेंद्र मंडल, सुनील माहेश्वरी और पवन कुमार धूत भी आरोपी थे। वर्ष 2012 में राज्यसभा चुनाव के लिए 30 मार्च को मतदान होना था। राजकुमार अग्रवाल भी इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी थी।

आयकर विभाग को सूचना मिली थी कि हॉर्स ट्रेडिंग के लिए जमशेदपुर से बड़ी रकम रांची भेजी गई है। आयकर अफसरों ने उस दिन रांची के नामकुम में एक इनोवा गाड़ी से 2.15 करोड़ रुपए जब्त किए थे।

आरोप था कि यह रकम राजकुमार अग्रवाल ने भेजी थी। उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। यह मामला सामने आने के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इस मामले की सीबीआई जांच हुई और उसकी ओर से दाखिल चार्जशीट के आधार पर ट्रायल चल रहा है।

राजकुमार अग्रवाल ने सीबीआई कोर्ट में चल रहे केस को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अग्रवाल की ओर से सुनवाई के दौरान दलील दी गई कि रकम बरामदगी के मामले में आयकर विभाग ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है।

आयकर विभाग के अनुसार, बरामद रकम अग्रवाल की नहीं थी। उन्होंने इसी आधार पर सीबीआई कोर्ट में चल रहे क्रिमिनल केस को रद्द करने की मांग की थी। कोर्ट ने उनकी दलीलों को स्वीकार करते हुए सीबीआई कोर्ट में उनके खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही को निरस्त कर दिया।

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