N1Live National झारखंड : पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ चाईबासा-सरायकेला में बंद रहे बाजार, सड़कों पर आवागमन ठप
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झारखंड : पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ चाईबासा-सरायकेला में बंद रहे बाजार, सड़कों पर आवागमन ठप

Jharkhand: Markets remain closed in Chaibasa-Seraikela against police lathicharge, road traffic comes to a halt

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में भारी वाहनों के लिए ‘नो एंट्री’ का समय निर्धारित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस लाठीचार्ज की घटना के विरोध में बुधवार को भाजपा और आदिवासी सामाजिक संगठनों की ओर से बुलाए गए चाईबासा-सरायकेला जिला बंद का व्यापक असर देखा गया।

चाईबासा जिला मुख्यालय, चक्रधरपुर अनुमंडल मुख्यालय, सोनुआ, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर और आनंदपुर समेत कई प्रखंडों में सड़कों पर यातायात लगभग ठप रहा। दोनों जिलों के कई इलाकों में बाजार और दुकानें भी बंद रहीं। सुबह से ही भाजपा कार्यकर्ता और स्थानीय संगठनों के लोग सड़कों पर उतर आए और दुकानों, प्रतिष्ठानों तथा पेट्रोल पंपों को बंद करा दिया।

चाईबासा शहर के ताम्बो चौक, सदर बाजार, बस स्टैंड और शहीद पार्क इलाके में अधिकांश दुकानें पूरी तरह बंद रहीं। बंद समर्थकों ने जगह-जगह टायर जलाकर अपना आक्रोश जताया। सोनुआ में एनएच-320 डी (चक्रधरपुर-राउरकेला मार्ग) को जाम कर दिया गया, जिससे भारी वाहनों और बसों का परिचालन ठप हो गया।

टाटा-रांची, किरीबुरू और ग्रामीण इलाकों के लिए चलने वाली बसें भी बंद रहीं, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ। स्कूल-कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति बेहद कम रही, और कई शैक्षणिक संस्थानों ने सुरक्षा कारणों से छुट्टी घोषित कर दी। हालांकि, बंद के दौरान किसी बड़े उपद्रव या हिंसा की सूचना नहीं मिली।

बंद की पृष्ठभूमि सोमवार रात की उस घटना से जुड़ी है, जब ‘नो एंट्री’ लागू करने की मांग को लेकर मंत्री दीपक बिरुआ के आवास का घेराव करने निकले आदिवासी महिला-पुरुषों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इस दौरान पत्थरबाजी और भगदड़ की स्थिति बन गई थी। पुलिस ने 17 लोगों को हिरासत में लिया था और कुछ युवक लापता बताए गए।

इसी घटना के विरोध में भाजपा और आदिवासी संगठनों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रदर्शन किया और कोल्हान बंद का आह्वान किया। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, मधु कोड़ा, पूर्व सांसद गीता कोड़ा और पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई ने मंगलवार को चाईबासा पोस्ट ऑफिस चौक पर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया था।

उन्होंने राज्य सरकार पर आदिवासी युवाओं की आवाज दबाने और पुलिसिया दमन का आरोप लगाया। बंद के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। चाईबासा समेत प्रमुख चौक-चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई।

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