November 10, 2024
National

झारखंड मंत्री आलमगीर की तीसरी बार बढ़ी तीन दिनों की रिमांड रांची, 27 मई (आईएएनएस)। झारखंड के टेंडर कमीशन घोटाले में कोर्ट ने राज्य सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की ईडी रिमांड तीसरी बार तीन दिनों के लिए बढ़ा दी है। इसके पहले उनसे 11 दिनों तक रिमांड में पूछताछ हो चुकी है। दूसरी रिमांड की अवधि सोमवार को पूरी होने के बाद मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने कड़ी सुरक्षा के बीच रांची पीएमएलए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया। ईडी का पक्ष रखते हुए लोक अभियोजक शिव कुमार उर्फ काका ने आलमगीर आलम से पूछताछ के लिए और पांच दिनों की रिमांड का अनुरोध किया, लेकिन इसका आलमगीर आलम के अधिवक्ता ने पुरजोर विरोध किया। इसके बाद कोर्ट ने तीन दिनों के लिए रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया। बता दें कि ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम को पीएस संजीव लाल के ठिकानों से 32 करोड़ 20 लाख रुपये कैश की बरामदगी के मामले में 15 मई की शाम गिरफ्तार किया था। इसके पहले उनसे 14 और 15 मई को कुल मिलाकर करीब 14 घंटे पूछताछ की गई थी। इस मामले में मंत्री को पीएस संजीव कुमार लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम को 7 मई को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इन दोनों से 14 दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की गई है और दोनों को पिछले मंगलवार को कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाले में इंजीनियर, अधिकारी व मंत्री का एक संगठित गिरोह सक्रिय था। ईडी ने नमूने के तौर पर जनवरी महीने में पारित 92 करोड़ के 25 टेंडर के ब्यौरे से संबंधित एक पेपर भी कोर्ट में जमा किया है, जिसमें यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि मंत्री आलमगीर आलम ने सभी 25 टेंडर में कमीशन के रूप में 1.23 करोड़ रुपये लिए थे। इधर, इसी केस में पुलिस ने झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव और सीनियर आईएएस मनीष रंजन को भी समन किया है। उन्हें 28 मई को ईडी के जोनल कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है। –आईएएनएस एसएनसी/एसकेपी

रांची, 27 मई । झारखंड के टेंडर कमीशन घोटाले में कोर्ट ने राज्य सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की ईडी रिमांड तीसरी बार तीन दिनों के लिए बढ़ा दी है। इसके पहले उनसे 11 दिनों तक रिमांड में पूछताछ हो चुकी है।

दूसरी रिमांड की अवधि सोमवार को पूरी होने के बाद मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने कड़ी सुरक्षा के बीच रांची पीएमएलए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया।

ईडी का पक्ष रखते हुए लोक अभियोजक शिव कुमार उर्फ काका ने आलमगीर आलम से पूछताछ के लिए और पांच दिनों की रिमांड का अनुरोध किया, लेकिन इसका आलमगीर आलम के अधिवक्ता ने पुरजोर विरोध किया।

इसके बाद कोर्ट ने तीन दिनों के लिए रिमांड बढ़ाने का आदेश दिया। बता दें कि ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम को पीएस संजीव लाल के ठिकानों से 32 करोड़ 20 लाख रुपये कैश की बरामदगी के मामले में 15 मई की शाम गिरफ्तार किया था।

इसके पहले उनसे 14 और 15 मई को कुल मिलाकर करीब 14 घंटे पूछताछ की गई थी। इस मामले में मंत्री को पीएस संजीव कुमार लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम को 7 मई को ही गिरफ्तार कर लिया गया था।

इन दोनों से 14 दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की गई है और दोनों को पिछले मंगलवार को कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

ईडी ने कोर्ट को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाले में इंजीनियर, अधिकारी व मंत्री का एक संगठित गिरोह सक्रिय था। ईडी ने नमूने के तौर पर जनवरी महीने में पारित 92 करोड़ के 25 टेंडर के ब्यौरे से संबंधित एक पेपर भी कोर्ट में जमा किया है, जिसमें यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि मंत्री आलमगीर आलम ने सभी 25 टेंडर में कमीशन के रूप में 1.23 करोड़ रुपये लिए थे।

इधर, इसी केस में पुलिस ने झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव और सीनियर आईएएस मनीष रंजन को भी समन किया है। उन्हें 28 मई को ईडी के जोनल कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है।

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