झारखंड के चतरा जिला अंतर्गत टंडवा में विष्णु साव नामक जिस शख्स की हत्या रविवार को नक्सलियों ने कर दी, वह टेरर फंडिंग के केस में एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी) का गवाह था। चतरा-लातेहार सीमा पर जंगल से उसका शव मिलने के बाद पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके में बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है।
एसपी विकास पांडेय ने कहा है कि वारदात को अंजाम देने वालों के खिलाफ छापेमारी की जा रही है। उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
विष्णु साव टंडवा थाना क्षेत्र के लेंबुवा गांव का रहने वाला था। पूरे इलाके में उसकी पहचान सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में थी। नक्सलियों द्वारा आतंक फैलाकर ठेकेदारों-व्यवसायियों से अवैध रूप से रकम उगाही के मामले में एनआईए ने उसे गवाह बनाया था।
टेरर फंडिंग को लेकर टंडवा थाने में दर्ज एफआईआर में प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी के कई टॉप नक्सली आरोपी हैं। इनमें से कुछ नक्सली जेल में बंद हैं।
विष्णु साव खेती और पशुपालन से जुड़ा था। रविवार सुबह वह मवेशी लेकर जंगल जा रहा था, तभी चार-पांच हथियारबंद नक्सलियों ने उसका अपहरण कर लिया। उस वक्त उसकी मां भी उसके साथ थीं। हथियारबंद नकाबपोश नक्सली उसे खींचकर पहाड़ की तरफ ले गए।
इस बीच परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। टंडवा थाना पुलिस ने इस पर पूरे इलाके में सर्च अभियान चलाया, तो पहाड़ी के पास विष्णु का शव बरामद हुआ। उसकी हत्या गोली मारकर और धारदार हथियार से की गई है।
एनआईए के गवाह विष्णु की हत्या की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे सिमरिया के भाजपा विधायक उज्ज्वल दास ने कहा है कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पुलिस सरकारी एजेंसी एनआईए के गवाह को भी सुरक्षा देने में नाकाम रही है।