चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (सीआरएसयू), जींद के विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों ने अकादमिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और सीआरएसयू के विद्यार्थियों को पत्रकारिता के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रसारण प्रौद्योगिकी और प्रथाओं से परिचित कराने के लिए हाल ही में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग का दौरा किया।
इस यात्रा के दौरान, छात्रों ने विभाग के अत्याधुनिक टीवी और रेडियो स्टूडियो का दौरा किया, जिससे उन्हें प्रसारण के तकनीकी पहलुओं के बारे में प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त हुआ। छात्रों को समाचार प्रसारण और लाइव स्ट्रीमिंग की प्रक्रिया देखने का मौका मिला, जिससे उन्हें मीडिया उत्पादन की गतिशील दुनिया के बारे में बहुमूल्य जानकारी मिली।
सहायक प्रोफेसर डॉ. नवीन कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में करियर की संभावनाओं, पत्रकारिता और जनसंचार में उभरते रुझानों और मीडिया कौशल के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने टीवी स्टूडियो संचालन का विस्तृत विवरण भी दिया। सहायक प्रोफेसर सुनीत मुखर्जी ने एमडीयू के इतिहास, इसकी विकास यात्रा और विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
एमडीयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर हरीश कुमार ने कहा कि इस बातचीत का उद्देश्य सीआरएसयू के विद्यार्थियों को प्रसारण तकनीक से परिचित कराना है, जिससे दोनों विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के बीच मजबूत संबंध विकसित होंगे।
प्रोफ़ेसर कुमार ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सीआरएसयू जैसे उभरते विश्वविद्यालयों के साथ सहयोगात्मक संवाद भविष्य की चर्चाओं के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त करेगा, जिससे दोनों संस्थानों को फ़ायदा होगा। इस तरह के अकादमिक दौरे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के व्यापक उद्देश्यों को पूरा करते हैं।
सीआरएसयू, जींद में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रमुख डॉ. बलराम बिंद ने इस संवादात्मक सत्र और दौरे की मेजबानी के लिए विभाग का आभार व्यक्त किया। छात्रों ने एमडीयू में विवेकानंद लाइब्रेरी का भी दौरा किया, जहां लाइब्रेरियन डॉ. सतीश मलिक ने उन्हें लाइब्रेरी की सुविधाओं से परिचित कराया।
दौरा करने वाली टीम में डॉ. गौरव नरवाल, पूनम खटकर, डॉ. कृष्ण कुमार, डॉ. प्रदीप कुमार, सत्यवान, ट्विंकल संधू, विजय लक्ष्मी और शैलेन्द्र शामिल थे। यह यात्रा सीआरएसयू और एमडीयू के बीच सहयोगात्मक संबंध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, तथा इससे भविष्य में शैक्षणिक और व्यावहारिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
Leave feedback about this