बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को मुंगेर में एक कार्यक्रम के दौरान मोदी सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जताई। इस दौरान मांझी ने कैबिनेट छोड़ने की धमकी तक दे डाली। उन्होंने कहा कि एनडीए में उनकी पार्टी को उचित तवज्जो नहीं मिल रहा है। हालांकि, इसके बाद पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए मांझी ने अपनी बात को स्पष्ट किया और कहा कि उनकी एनडीए से कोई नाराजगी नहीं है।
जीतन राम मांझी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे जो इतना बड़ा पद पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया है, वह कोई मामूली बात नहीं है। दिल्ली चुनाव में मैं पूरी तरह से एनडीए के पक्ष में हूं।
दरअसल, मुंगेर में जीतन राम मांझी ने कहा था कि हमें एनडीए में तवज्जो नहीं दी जा रही है। पहले झारखंड में, अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी हमारी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई है। ऐसा लगता है कि अब हमें अपना वजूद दिखाना पड़ेगा।
उन्होंने मंच से कहा कि जब लोग हमारे साथ हैं, मेरे पास वोट है तो हमें सीट क्यों नहीं मिली। ये प्रश्न करना है मुझे। हमारा स्टैंड साफ है, जो हमारा अस्तित्व है, उसके मुताबिक हमें सीट दो। हम अपने नहीं, दलितों के फायदे के लिए सीट मांग रहे हैं। मेरी बात आगे नहीं बढ़ती है तो लग रहा है कि मुझे मोदी कैबिनेट छोड़ना पड़ेगा।
उन्होंने सवाल करते हुए आगे कहा कि ये न्याय है क्या? हमारा कोई अस्तित्व नहीं है क्या? वह (भाजपा) समझते हैं कि हमारा कोई अस्तित्व नहीं है, इसलिए तो हमें सीट नहीं दी गई। अगर उनके पास वोट हैं तो उन्हें सीट क्यों नहीं मिल रही है?
इसके साथ ही, मांझी ने बीपीएससी परीक्षा को लेकर चिराग पासवान और प्रशांत किशोर के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान का राजनीतिक दृष्टिकोण मैं नहीं जानता, लेकिन बीपीएससी अभ्यर्थियों के मामले में बिहार सरकार ने बहुत उदार तरीके से छात्रों के साथ व्यवहार किया है। 912 केंद्रों में से 911 पर परीक्षा सही तरीके से हुई। एक केंद्र पर गड़बड़ी होने पर दोबारा परीक्षा का आयोजन किया गया। अगर कुछ छात्र अनशन कर रहे हैं तो वह राजनीति कर रहे हैं। बिहार सरकार और आयोग का निर्णय बिल्कुल सही है।
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