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जितेंद्र आव्हाड का बयान उनका निजी नजरिया, नहीं करूंगा कोई टिप्पणी : उदित राज

Jitendra Awhad's statement is his personal view, I will not comment: Udit Raj

एनसीपी (एसपी) के नेता जितेंद्र आव्हाड की ओर से ‘सनातन’ धर्म के खिलाफ दिए गए बयान से देश की सियासत गर्मा गई है। उनके बयान पर कांग्रेस नेता उदित राज ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह आव्हाड का निजी नजरिया है और वह इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।

उदित राज ने कहा, “जब शिवाजी का राजतिलक होना था, तब कोई पंडित तैयार नहीं था। उन्हें वाराणसी जाना पड़ा, जहां एक पंडित के बाएं अंगूठे से तिलक किया गया। इसके बाद भी भारी रकम उन्हें चुकानी पड़ी। यह अपमान तो था ही।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत में जातियां समाज को बांटती हैं। मैं अपने अनुभव से कहूं तो एक गांव में 10 जातियां हों, तो अलग-अलग टोले बन जाते हैं, जो एक-दूसरे के विपरीत रहते हैं। यह एक तरह का अघोषित सिविल वॉर है, जो हमारे समाज का अभिशाप है। यह जातिगत मानसिकता शिक्षा, राजनीति और अन्य क्षेत्रों में प्रगति को रोकती है।

उदित राज ने भाजपा नेता नितेश राणे के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जो जिहादी सोच रखता है, वही दूसरों को जिहादी कहेगा। मुझे तो इस देश में कोई जिहादी दिखता नहीं। छोटे-मोटे झगड़े हर जगह होते हैं, चाहे वह जाति के बीच हों या धर्मों के बीच। केवल हिंदू-मुस्लिम में ही नहीं, बल्कि जातियों में भी गहरे मतभेद हैं। इसे भी एक तरह का जातिगत जिहाद कह सकते हैं। उनके दिमाग में केवल जिहाद है।

उदित राज ने राहुल गांधी के हालिया कृषि कानूनों पर दिए गए बयानों का जिक्र किया। उदित राज ने कहा कि राहुल गांधी 2015 के उस बिल की बात कर रहे थे, जो बहुत खतरनाक था। इसका भारी विरोध हुआ था, जिसके बाद सरकार को इसे वापस लेना पड़ा। कुछ लोग इसे गलत समय से जोड़ रहे हैं। अरुण जेटली के बारे में राहुल गांधी का इशारा उसी बिल की ओर था।

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