August 26, 2025
Sports

जीतू राय : नेपाल में जन्म, इंडियन आर्मी में सेवा, शूटिंग में भारत को दिलाए गोल्ड

Jitu Rai: Born in Nepal, served in the Indian Army, won gold for India in shooting

 

नई दिल्ली, जीतू राय भारत के प्रसिद्ध निशानेबाज हैं, जिन्होंने एयर पिस्टल शूटिंग में देश का नाम रोशन किया। नेपाल में जन्मे जीतू भारतीय सेना से जुड़े। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को न सिर्फ गोल्ड जिताया, बल्कि ओलंपिक में भी देश का प्रतिनिधित्व किया।

26 अगस्त 1987 को नेपाल के संखुसावा में जन्मे जीतू राय के पिता भारतीय सेना के गोरखा राइफल्स रेजिमेंट में थे। जब भारतीय सेना में उन्हें नौकरी मिली, तो पिता परिवार को नेपाल में छोड़कर भारत आ गए। उन्होंने साल 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध भी लड़ा।

बचपन में शूटिंग से जीतू का कोई नाता नहीं था। घर के पास मौजूद तबेले में भैंस और बकरियों के साथ उनका वक्त बीतता। वह नेपाल के एक छोटे से गांव में मक्के और आलू की फसल बोते थे।

महज 19 वर्ष की उम्र में जीतू राय के सिर से पिता का साया उठ गया था। वह अपने पिता की तरह आर्मी में शामिल होना चाहते थे। जीतू ने भारतीय सेना के कैंप में रजिस्ट्रेशन करवाया और उनका चयन हो गया।

नायब सूबेदार जीतू 2013 से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने लगे और उन्होंने पदक भी जीते।

साल 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में जीतू ने गोल्ड पर निशाना साधते हुए रातों-रात सुर्खियां बटोर लीं। साल 2014 में ही जीतू राय ने नौ दिनों में तीन वर्ल्ड कप मेडल जीतकर इतिहास रच दिया, जिसमें 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड के अलावा, 50 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में सिल्वर भी शामिल था।

इसी साल उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीता। एशियन गेम्स में भी गोल्ड पर निशाना साधा।

जीतू का लक्ष्य 2016 के रियो ओलंपिक में पदक जीतना था, लेकिन इसमें असफलता हाथ लगी। जीतू फाइनल तक पहुंचे, लेकिन यहां आठवें पायदान पर रहे। हालांकि, नाकामी के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी।

साल 2017 की राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में दो ब्रॉन्ज और 2017 के वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतने वाले जीतू राय ने साल 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में एक बार फिर गोल्ड पर निशाना साधा।

शूटिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते जीतू राय को साल 2015 में ‘अर्जुन अवॉर्ड’, जबकि साल 2016 में ‘मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। साल 2020 में उन्हें ‘पद्म श्री’ से नवाजा गया। जीतू की स्थिरता, अनुशासन और सटीक निशानेबाजी उन्हें आदर्श बनाती है।

 

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