हरियाणा विश्वविद्यालय अनुबंधित शिक्षक संघ (हुक्टा) के सदस्यों ने आज यहां शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से उनके निवास पर मुलाकात की और अनुबंधित कर्मचारी सेवा सुरक्षा अध्यादेश-2024 की तर्ज पर लगभग 1500 सहायक प्रोफेसरों और एक्सटेंशन लेक्चरर्स की नौकरी 60 साल तक सुरक्षित करने के लिए ज्ञापन सौंपा।
एचयूसीटीए के प्रदेश अध्यक्ष विजय मलिक के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने स्थायीकरण न होने तक नौकरी की सुरक्षा की मांग की। मलिक ने कहा कि सरकार ने 50 हजार रुपये तक वेतन वाले अनुबंधित कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा का आश्वासन दिया था, लेकिन इन सहायक प्रोफेसरों को 50 हजार रुपये से थोड़ा ही अधिक वेतन मिल रहा है, जिसके कारण वे अनुबंधित कर्मचारियों की सेवाओं की सुरक्षा के लिए बने कानून के दायरे में नहीं आते।
शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि सरकार अभी बनी है और वह अधिकारियों से बात करके इसका बेहतर समाधान निकालेगी। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि सरकार चुनाव से पहले घोषणापत्र में किए गए वादों को हर हाल में पूरा करेगी।
मलिक ने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले अनुबंध कर्मचारी सेवा सुरक्षा अध्यादेश-2024 लाकर सेवानिवृत्ति तक 58 वर्ष तक की सेवा सुरक्षा प्रदान की थी, लेकिन विश्वविद्यालयों के अनुबंधित सहायक प्रोफेसरों और कॉलेजों के एक्सटेंशन लेक्चरर्स को न्यूनतम 57,700 रुपये का मूल वेतन मिल रहा था, और वे इस सुविधा के दायरे में आने से चूक गए क्योंकि उनका वेतन 50,000 रुपये से अधिक था।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संविदा सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति निर्धारित प्रक्रिया के तहत की गई है। वे अपने पद के लिए सभी योग्यताएं पूरी करते हैं, लेकिन उनका वेतन 50 हजार से अधिक होने के कारण उन्हें सेवा सुरक्षा से वंचित रखा गया है।
मलिक ने मांग की कि संविदा कर्मचारी सेवा सुरक्षा अध्यादेश-2024 की तर्ज पर शेष रिक्त पदों पर नियुक्ति 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति के बाद ही की जाए, ताकि किसी को रोजगार छिनने के कारण कोई हताशा भरा कदम उठाने पर मजबूर न होना पड़े तथा इसके अलावा डीए, मेडिकल भत्ता आदि अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएं।