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केंद्र सरकार की योजना से जोधपुर का फर्नीचर उद्योग छुएगा नई ऊंचाइयां, रोजगार सृजन की उम्मीद

Jodhpur's furniture industry will touch new heights with the central government's plan, employment generation expected

जोधपुर, 17 मई । समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विश्व प्रसिद्ध हैंडीक्राफ्ट फर्नीचर के लिए जाना जाने वाला राजस्थान का जोधपुर अब केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना के तहत नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। इस योजना के तहत जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट वुडन फर्नीचर को चुना गया है, जो न केवल स्थानीय कारीगरों और उद्योगपतियों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि क्षेत्रीय विकास और रोजगार सृजन के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना का उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में एक विशिष्ट उत्पाद को उसकी पहचान के रूप में बढ़ावा देना है। इस पहल के माध्यम से केंद्र सरकार का लक्ष्य संतुलित क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करना, स्थानीय शिल्प और उद्योगों को मजबूत करना और वैश्विक बाजार में भारतीय उत्पादों की पहुंच को बढ़ाना है। जोधपुर का हैंडीक्राफ्ट फर्नीचर, अपनी अनूठी डिजाइन, शिल्प कौशल और गुणवत्ता के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है, इस योजना के लिए एक आदर्श विकल्प है। ये फर्नीचर देश के अलावा, वैश्विक बाजारों में भी निर्यात किए जाते हैं।

जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट फर्नीचर उद्योग से जुड़े कारीगरों, व्यापारियों और उद्यमियों ने इस योजना का हार्दिक स्वागत किया है। उनका कहना है कि इस योजना से न केवल हमारे उद्योग को नया प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। केंद्र सरकार द्वारा इन उद्योगों को प्रोत्साहित कर स्थानीय शिल्पकार, कारीगर और उद्योग को बढ़ावा दिया जा सकता है।

जोधपुर के उद्यमी अनिल टाटिया ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि केंद्र सरकार की ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना के तहत जोधपुर में फर्नीचर को चुना जाना बिल्कुल उपयुक्त है। जोधपुर विश्व स्तर पर हैंडीक्राफ्ट, फर्नीचर और गिफ्ट आर्टिकल के व्यापार का प्रमुख केंद्र है। इस योजना से जोधपुर के व्यापारियों को निश्चित रूप से लाभ होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार पहले की तरह एक कमेटी गठित करे, जो जोधपुर में आकर व्यापारियों और निर्यातकों की समस्याओं का गहन अध्ययन करे।

उन्होंने कहा कि जोधपुर में लकड़ी के अलावा कई पुराने और कबाड़ के सामान, जिन्हें जलाया जाता है, उनसे भी आय अर्जित की जा रही है। यह उद्योग बड़ी संख्या में लोगों को स्वरोजगार प्रदान कर रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस क्षेत्र की बारीकियों का अध्ययन कर रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जाए। इससे ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना निश्चित रूप से सार्थक होगी और रोजगार की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी।

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