पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय वशिष्ठ शुक्रवार को ग्राम न्यायालय के वार्षिक निरीक्षण के लिए सिरसा जिले के रानिया पहुंचे। आगमन पर उन्हें न्यायालय परिसर में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उनके साथ जिला एवं सत्र न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुनीश नागर, उप न्यायिक मजिस्ट्रेट सतीश आर्य और न्यायिक मजिस्ट्रेट परतीत सिंह भी थे।
इस दौरान जस्टिस वशिष्ठ ने रानिया बार रूम में स्थानीय वकीलों से बातचीत की और कोर्ट के कामकाज से जुड़ी चिंताओं को दूर किया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सेवा सिंह संधू ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया, जबकि बार के सचिव एडवोकेट रणजीत सिंह ने प्रमुख मांगें रखीं। इनमें वकीलों के चैंबर बनाने के लिए तीन कनाल भूमि का आवंटन, ग्राम न्यायालय के पास अतिरिक्त भूमि और इसे स्थायी न्यायालय में अपग्रेड करना शामिल है। उन्होंने कानूनी कार्यवाही के लिए 30 किलोमीटर की यात्रा करके ऐलनाबाद सब-डिवीजन कोर्ट जाने वाले निवासियों के बारे में भी चिंता जताई और उनकी सुविधा के लिए रानिया में कैंप सुनवाई आयोजित करने का सुझाव दिया।
इन अनुरोधों का जवाब देते हुए, न्यायमूर्ति वशिष्ठ ने इस बात पर जोर दिया कि स्थायी न्यायालय की स्थापना से पहले रानिया को उप-विभाग का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने कानूनी बिरादरी को इस दर्जे के लिए हरियाणा सरकार से याचिका दायर करने की सलाह दी। अन्य मांगों के लिए, उन्होंने आश्वासन दिया कि उन्हें आगे के विचार के लिए जिला और सत्र न्यायाधीश के माध्यम से उच्च न्यायालय को भेजा जाएगा।
वकीलों के चैंबर के लिए ज़मीन के बारे में न्यायमूर्ति ने बताया कि हस्तांतरण के लिए धनराशि पहले ही डिप्टी कमिश्नर को भेज दी गई है और जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। अपने दौरे के समापन से पहले उन्होंने कोर्ट परिसर में एक पौधा लगाया। इस कार्यक्रम में कई स्थानीय अधिकारियों और बार एसोसिएशन के कई अधिवक्ताओं ने भाग लिया।
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