N1Live Uttar Pradesh कैश कांड में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में ली शपथ
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कैश कांड में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में ली शपथ

Justice Yashwant Verma, who is embroiled in a cash scandal, took oath in Allahabad High Court

प्रयागराज, 8 अप्रैल । आधिकारिक आवास से नोटों के अधजले बंडल मिलने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट से स्थानांतरित किए गए न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण किया।

बताया जा रहा है कि उन्हें तब तक कोई न्यायिक कार्य नहीं दिया जाएगा, जब तक उनके खिलाफ चल रही जांच पूरी नहीं हो जाती है। शपथ ग्रहण के बाद हाई कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में उनका नाम भी शामिल हो गया है।

उधर, इलाहाबाद हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर जस्टिस यशवंत वर्मा के शपथ ग्रहण का विरोध किया। एसोसिएशन के सचिव विक्रांत पांडेय ने अपने पत्र में कहा है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को शपथ ग्रहण कराने से पहले बार एसोसिएशन को बताया नहीं गया। हाई कोर्ट के ज्यादातर जजों को भी शपथ ग्रहण की सूचना नहीं दी गई। इस तरह का शपथ ग्रहण अस्वीकार्य है और बार एसोसिएशन इसकी निंदा करता है।

बार एसोसिएशन ने मांग की है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई भी न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्य न सौंपें। एसोसिएशन की तरफ से इस पत्र की कॉपी प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, कानून मंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और लखनऊ बेंच के सभी न्यायाधीशों को भेजी गई है।

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने होली के मौके पर न्यायाधीश यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास के बाहरी हिस्से में आग लग गई थी। नोट की गड्डियों के बारे में खुलासा आग बुझाने के लिए पहुंचे अग्निशमन दल ने किया था। इसका एक वीडियो भी खूब वायरल हुआ था।

इसके बाद न्यायमूर्ति वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। उन्होंने आरोपों से इनकार किया और उसे साजिश बताया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश ने 22 मार्च को एक आंतरिक जांच शुरू की और न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए हाई कोर्ट के तीन न्यायाधीशों का पैनल भी बनाया है।

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