बॉलीवुड अभिनेत्री और मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत को बठिंडा की एक अदालत ने 15 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है। यह निर्देश तब आया जब वह बहादुरगढ़ जांडियन गांव की बुजुर्ग किसान महिंदर कौर द्वारा दायर मानहानि मामले में आज सुनवाई में शामिल नहीं हुईं।
कंगना की कानूनी टीम ने अदालत को बताया कि वह लोकसभा सत्र में व्यस्त हैं, जिसके कारण वह पेश नहीं हो सकीं। अदालत ने उन्हें अगली सुनवाई में उपस्थित रहने का निर्देश दिया। कार्यवाही बंद कमरे में आयोजित की गई, जिसमें केवल सीधे तौर पर शामिल लोगों को ही अंदर जाने की अनुमति थी।
व्हीलचेयर पर अपने एक रिश्तेदार के साथ पहुंचीं 82 वर्षीय महिंदर कौर ने विशेष एमपी-एमएलए अदालत के समक्ष साक्ष्य दर्ज कराए।
यह मामला 2020 में किसान आंदोलन के दौरान कंगना द्वारा किए गए एक ट्वीट से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने महिंदर कौर की एक तस्वीर शेयर की थी और उन्हें शाहीन बाग की प्रदर्शनकारी बिलकिस बानो समझकर आरोप लगाया था कि ऐसी महिलाएं विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए “100 रुपये में उपलब्ध” हैं। इस टिप्पणी पर व्यापक आक्रोश फैल गया था, जिसके बाद महिंदर कौर ने जनवरी 2021 में मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
महिंदर कौर ने अपने पति लाभ सिंह के साथ कहा, “मैं यह कानूनी लड़ाई अंत तक लड़ूँगी। कंगना मुझसे कभी नहीं मिलीं। मैं इस उम्र में दूसरी बार अदालत आई हूँ।”
महिंदर कौर के वकील रघबीर सिंह बेहनीवाल ने कहा, “कंगना ने पहले भी पेशी से स्थायी छूट मांगी थी, जिसका हमने विरोध किया था। कंगना के वकील ने आज इस संबंध में कोई जवाबी हलफ़नामा दाखिल नहीं किया। अदालत ने उन्हें अगली सुनवाई में इसे दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कंगना को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का भी निर्देश दिया है।”


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