कांगड़ा जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जिले के सभी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती पर एक माह में कम से कम चार सत्र आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं।
कांगड़ा के एडीसी विनय जुमर ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि प्रत्येक स्कूल में स्वास्थ्य एवं तंदुरुस्ती पर कम से कम चार सत्र आयोजित किए जाएं तथा विद्यार्थियों के स्वास्थ्य का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाए। इससे किसी भी बीमारी के प्रारंभिक लक्षण वाले बच्चों को उपचार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं टांडा मेडिकल कॉलेज के एचओडी को निर्देश जारी किए गए कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सभी सरकारी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेज में मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर उपचार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों को 30 चिन्हित बीमारियों की निशुल्क जांच एवं उपचार प्रदान किया जाता है।
एडीसी ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 19 नई दिशा केंद्र शुरू किए गए हैं, जिनमें किशोरों को परामर्श और चिकित्सीय सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इन केंद्रों पर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि बच्चों को कार्यक्रम के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए ताकि वे सुविधा का लाभ उठा सकें।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित शिक्षकों का डाटा तैयार करें। विज्ञान विषय के सभी शिक्षकों को स्वास्थ्य एवं आरोग्य दूत के रूप में प्रशिक्षित किया जाए। विभाग अप्रशिक्षित शिक्षकों का भी डाटा तैयार करे तथा सभी को चरणबद्ध तरीके से स्वास्थ्य एवं आरोग्य दूत बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में कक्षा 6 से 12 तक के सभी बच्चों के लिए सुझाव पेटी लगाई जाए। यदि बच्चों को कोई शंका या सुझाव हो तो वे पेटी में डाल सकते हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुराधा ने बताया कि हर माह खंड स्तर पर स्कूलों में स्वास्थ्य एवं आरोग्य दिवस मनाया जाता है, जिसके तहत बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न मुद्दों पर जानकारी प्रदान की जाती है।
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