कांगड़ा पुलिस ने पंचरुखी गांव के डिलीवरी बॉय 27 वर्षीय पंकज कुमार की हत्या का मामला सुलझा लिया है, जिसका शव 26 दिन बाद ज्वालामुखी के कालीधार जंगल में मिला था।
पंकज 18 जनवरी से लापता था और उसके परिवार ने अगले दिन उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसकी मोटरसाइकिल उसके घर के पास लावारिस हालत में मिली थी। शव बुरी तरह सड़ चुका था, जिससे उसकी पहचान करना मुश्किल हो गया था, लेकिन उसके परिवार ने उसके हाथ पर बने टैटू से उसे पहचान लिया।
इस घटना के बाद पंकज के परिवार और गांव वालों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शन किया। उसके माता-पिता गायत्री देवी और सुरेश कुमार ने दावा किया कि अगर समय रहते कार्रवाई की गई होती तो उसकी जान बच सकती थी।
कांगड़ा की एसएसपी शालिनी अग्निहोत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पंकज का अपनी पड़ोसी निशु बाला से विवाद था, जिसने पहले उसके खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई थी। निशु बाला की शादी किसी और से हुई थी, लेकिन पंकज के साथ उसके पहले भी संबंध थे और वह कथित तौर पर उसे परेशान करता रहा।
18 जनवरी को उसने पंकज को अपने घर बुलाया, जहां दोनों में बहस हुई। इस दौरान उसने एक धारदार हथियार से उसके सिर पर वार कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद उसने अपने पिता और अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर शव को जंगल में फेंक दिया।
इस मामले में कुल छह लोगों को आरोपी बनाया गया है। निशु बाला समेत पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक फरार है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।
पंकज के परिवार का आरोप है कि हत्या पूर्व नियोजित थी और उन्होंने निशु बाला, सुशील कुमार (शशि) और उत्तम चंद पर अपहरण और हत्या का आरोप लगाया है। जांच जारी है।
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