कन्याकुमारी से सांसद विजय वसंत ने विदेश मंत्रालय से ईरान के किश द्वीप के पास फंसे 650 से अधिक भारतीय मछुआरों को सुरक्षित निकालने की तत्काल अपील की है।
मछुआरों के परिवारों को लेकर चिंतित सांसद ने नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पीएआई और एससीओ प्रभाग) एम. आनंद प्रकाश से मुलाकात की और एक औपचारिक पत्र सौंपा।
इस पत्र में उन्होंने मछुआरों की मुश्किल स्थिति पर प्रकाश डाला, जो भोजन और जरूरी सामान की कमी से जूझ रहे हैं। इजरायल-ईरान संघर्ष के कारण बढ़े क्षेत्रीय तनाव ने उनकी सुरक्षा को और खतरे में डाल दिया है।
सांसद विजय वसंत ने बताया कि ईरान में भारतीय दूतावास के अधिकारी मछुआरों से मिले हैं और उनकी स्थिति का जायजा लिया है। मछुआरों का वर्तमान स्थान और संपर्क विवरण मंत्रालय को दे दिया गया है। एंटनी शाजू (+98 9935726208) को समन्वय के लिए मुख्य संपर्क व्यक्ति बनाया गया है।
सांसद ने विदेश मंत्रालय से तुरंत खाद्य सहायता और मछुआरों की भारत में सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि समय पर कार्रवाई न केवल फंसे मछुआरों, बल्कि कन्याकुमारी में उनके इंतजार कर रहे परिवारों को भी राहत देगी। पत्र में सांसद ने लिखा कि मछुआरे किश द्वीप के पास गंभीर परिस्थितियों में हैं। भोजन और अन्य जरूरी चीजों की कमी के कारण उनमें डर और अनिश्चितता बढ़ रही है। क्षेत्र में तनाव के कारण उनकी जान और आजीविका को खतरा है। कन्याकुमारी के तटीय इलाकों में मछुआरों के परिवार अपनी रोजी-रोटी और अपनों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं।
विजय वसंत ने जोर देकर कहा कि यह एक मानवीय मुद्दा है और विदेश मंत्रालय का त्वरित हस्तक्षेप जरूरी है। इससे पहले भी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर मछुआरों की वापसी के लिए मदद मांगी थी। मछुआरों के संगठनों, जैसे साउथ एशियन फिशरमेन फ्रैटर्निटी और इंटरनेशनल फिशरमेन डेवलपमेंट ट्रस्ट, ने भी केंद्र सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
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