कारगिल युद्ध के नायक ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर (सेवानिवृत्त), जिन्होंने टोलोलिंग और टाइगर हिल की ऐतिहासिक लड़ाई के दौरान 18 ग्रेनेडियर्स की कमान संभाली थी, ने हिमाचल प्रदेश में सैनिकों और उनके परिवारों के लिए स्वीकृत कल्याण निधि के वितरण न किए जाने पर चिंता जताई है।
ब्रिगेडियर ठाकुर ने कहा कि नवंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच राज्य सरकार से प्रशासनिक अनुमोदन और व्यय मंजूरी मिलने के बावजूद, खजाने ने धन की कमी या अनुपलब्धता के कारण कई कल्याणकारी योजनाओं के लिए धनराशि जारी नहीं की है।
ब्रिगेडियर ठाकुर ने इस स्थिति को ‘शहीदों और उनके परिवारों के साथ घोर अन्याय’ करार दिया। उन्होंने कहा कि वीरभूमि के नाम से मशहूर हिमाचल प्रदेश को अपने वीरों का सम्मान न केवल भावनाओं में बल्कि कार्यों में भी करने की अपनी गौरवशाली परंपरा को कायम रखना चाहिए।
ब्रिगेडियर ठाकुर ने कहा, “ये सिर्फ़ भुगतान नहीं हैं – ये एक कृतज्ञ राष्ट्र की गंभीर प्रतिबद्धताएँ हैं। देरी, ख़ास तौर पर सरकारी मंज़ूरी के बाद, हमारे सैनिकों और उनके परिवारों को एक निराशाजनक संदेश देती है।” उन्होंने कहा कि लगभग 1,100 वीरता पुरस्कार विजेता और 30 शहीदों के परिजन पैसे जारी होने का इंतज़ार कर रहे हैं।
भूतपूर्व सैनिकों के संगठनों और सेना कल्याण निकायों ने वित्त विभाग से धनराशि जारी करने में तेजी लाने और उस व्यवस्था में विश्वास बहाल करने का आग्रह किया है, जो निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा करने वालों का समर्थन करती है।
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