करनाल, 17 जनवरी विदेश जाने के इच्छुक उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या के साथ, वीजा सलाहकारों की संख्या भी बढ़ रही है, साथ ही विदेशी अवसरों की सुविधा के बहाने युवाओं को ठगने के मामलों में भी वृद्धि हुई है। इस बढ़ते चलन के बीच, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह हरियाणा या देश के किसी भी हिस्से में वीजा परामर्श सेवाएं प्रदान करने वाले एजेंटों को कोई लाइसेंस जारी नहीं करता है। यह खुलासा करनाल स्थित शिक्षाविद् अरविंद कुमार कादियान द्वारा दायर एक आरटीआई क्वेरी के जवाब में हुआ, जिसमें उन्होंने आव्रजन सेवाओं के लिए लाइसेंस जारी करने के मानदंडों के बारे में जानकारी मांगी थी।
आरटीआई के जवाब के अनुसार, “किसी भी विदेशी देश के लिए वीजा उस संबंधित विदेशी सरकार का संप्रभु अधिकार है और वीजा प्रसंस्करण और उसे देने वाले एजेंटों को लाइसेंस जारी करने से संबंधित संपूर्ण मानदंड संबंधित विदेशी सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं।”
कादियान ने राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर आव्रजन नीति को लेकर भ्रम की स्थिति पर प्रकाश डाला, और सरकार को केवल उन व्यक्तियों को इस क्षेत्र में काम करने की अनुमति देने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिन्हें संबंधित विदेशी सरकार द्वारा लाइसेंस प्रदान किया गया है। उन्होंने उचित विनियमन के बिना प्रामाणिकता का दावा करने वाले वीज़ा सलाहकारों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की।
मीडिया से बात करते हुए कादियान ने हरियाणा में स्पष्ट आव्रजन नीति की कमी और लाइसेंस प्राप्त सलाहकारों के लिए पंजीकरण मानदंडों की अनुपस्थिति की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि चूंकि विदेशी मामले केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं, इसलिए राज्य सरकार को केवल संबंधित विदेशी सरकार से सलाहकार लाइसेंस वाले व्यक्तियों को ही आव्रजन के क्षेत्र में काम करने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आप्रवासन में धोखाधड़ी को रोकने के लिए राज्य सरकार की स्पष्ट प्रतिबद्धता के बावजूद यह जमीन पर दिखाई नहीं दे रहा है।