करनाल नगर निगम (केएमसी) ने गुरुवार को बकाया संपत्ति कर वाली संपत्तियों को सील करने की कार्रवाई की। टीम के सदस्यों ने 26,83,234 रुपये के बकाया कर वाली छह संपत्तियों को सील किया। यह कार्रवाई हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा-130 के तहत की गई।
नगर निगम आयुक्त डॉ. वैशाली शर्मा ने बताया कि गुरुवार को 15 डिफॉल्टर संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी थी। इनमें से छह संपत्तियों को आधिकारिक तौर पर सील कर दिया गया, जबकि आठ संपत्ति मालिकों ने मौके पर ही बकाया राशि का भुगतान करके और नगर निगम की प्रवर्तन टीम को 47,03,077 रुपये के चेक सौंपकर कुर्की से बच गए।
इसके अलावा, राम नगर में रेलवे लाइन के पास एक डेयरी इकाई ने बकाया संपत्ति कर चुकाने के लिए एक दिन का समय माँगा। हाल ही में कई संपत्तियाँ सील की गई हैं।
शर्मा ने कर अनुपालन पर नगर निगम के कड़े रुख पर ज़ोर दिया और कहा, “संपत्ति कर न चुकाने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। संपत्ति मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे कुर्की की कार्रवाई से बचने के लिए जल्द से जल्द अपना बकाया चुका दें। करों का समय पर भुगतान ही चिंतामुक्त रहने और क़ानूनी कार्रवाई से बचने का एकमात्र तरीक़ा है।”
इस कदम के पीछे उद्देश्य लंबे समय से लंबित बकाया राशि की वसूली करना तथा शहर के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा और सेवाएं सुनिश्चित करना था।
उन्होंने सभी डिफॉल्टरों से अपील की कि वे स्वेच्छा से आगे आएं और आगे की कार्रवाई का सामना करने से पहले अपनी देनदारियों का भुगतान करें।
उप नगर आयुक्त (डीएमसी) अभय सिंह को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था, जबकि जोनल कराधान अधिकारी अंकुश पाराशर ने प्रवर्तन दल का नेतृत्व किया। एमसी ने प्रत्येक बकायादार को दो नोटिस जारी किए थे। हालाँकि, संपत्ति मालिकों ने इन नोटिसों को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण अंततः कुर्की की कार्रवाई की गई।
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