अवैध फाइनेंसरों’ के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए करनाल पुलिस ने 22 मामलों में 23 ऐसे फाइनेंसरों को गिरफ्तार किया है। 500 से ज़्यादा पीड़ित इनके खिलाफ़ सामने आए हैं। यह कदम हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर के निर्देश पर उठाया गया है, जिन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे वित्तपोषकों का पता लगाया जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
पुलिस के अनुसार, इन फाइनेंसरों ने शुरुआत में कम ब्याज पर ऋण देकर लोगों का शोषण किया और बाद में अत्यधिक ब्याज दर वसूल की, जिससे उधारकर्ताओं को गंभीर मानसिक और वित्तीय उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) गंगा राम पुनिया ने बताया कि पीड़ितों से प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सितंबर के पहले पखवाड़े में जिले के विभिन्न पुलिस थानों में अब तक 22 मामले दर्ज किए हैं।
उन्होंने बताया कि इन मामलों में 23 आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
जाँच के दौरान, पुलिस ने लगभग 500 पीड़ितों की पहचान की, जिन्हें कोरे या बिना तारीख वाले चेक, संपत्ति के समझौतों या गिरवी रखे वाहनों पर जबरन हस्ताक्षर करने पड़े। मूलधन चुकाने के बावजूद, आरोपी अक्सर चेक, समझौते या वाहन वापस करने से इनकार कर देते थे।
एसपी ने बताया कि अब तक पुलिस ने 210 चेक, 73 रजिस्टर, सात गाड़ियाँ, 19 एटीएम कार्ड और कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद किए हैं, जिनकी जाँच की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी मामलों में त्वरित और निष्पक्ष जाँच सुनिश्चित की जा रही है।
एसपी ने जनता से अपील की है कि वे आगे आकर ऐसे किसी भी मामले की सूचना अपने-अपने पुलिस थानों या उनके कार्यालय में दें। एसपी ने आगे कहा, “शिकायतों की उचित जाँच के बाद सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”