बेंगलुरु, 13 सितंबर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके. शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि कावेरी नदी का प्रवाह 30 वर्षों में सबसे कम है। तीन दशकों में औसतन 54 प्रतिशत की कमी है।
डिप्टी सीएम ने विधानसभा में सर्वदलीय बैठक में कहा, ”राज्य को सितंबर से जुलाई 2024 तक खड़ी फसलों के लिए 70.20 टीएमसी और पीने के लिए 33 टीएमसी पानी की जरूरत है। उद्योगों के उपयोग के लिए 3 टीएमसी पानी की आवश्यकता है। कुल मिलाकर कर्नाटक को 106.20 टीएमसी पानी की जरूरत है।
लेकिन, कावेरी घाटी में राज्य के चार जलाशयों में उपलब्ध स्टोरेज 53.287 टीएमसी है। पिछले वर्ष लाइव स्टोरेज 103.348 टीएमसी था। चालू वर्ष में 1 जून से 11 सितंबर के बीच तमिलनाडु में 37.718 टीएमसी पानी बह चुका है।
उन्होंने बताया कि एक सामान्य वर्ष में सीडब्ल्यूडीटी के आदेश के अनुसार 90.860 टीएमसी पानी छोड़ा जाना चाहिए था।
शिवकुमार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य ने तमिलनाडु को निर्धारित मात्रा से अधिक पानी छोड़ा है। पिछले साल 177.75 टीएमसी पानी के मुकाबले 650 टीएमसी से ज्यादा पानी छोड़ा गया था।
शिवकुमार ने कहा कि इस संकट की स्थिति में किसानों के हितों की रक्षा करना और राज्य के लिए पीने के पानी का संरक्षण करना सरकार का कर्तव्य है।
उन्होंने बैठक में नेताओं से राजनीति को किनारे रखकर राज्य के हितों की रक्षा के लिए सुझाव देने की अपील की। कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) ने अपनी लेटेस्ट सिफारिश में कर्नाटक सरकार से बुधवार से 25 दिनों के लिए 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने को कहा है।
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा था कि राज्य पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है क्योंकि उसके पास पीने के पानी के लिए पर्याप्त स्टोरेज नहीं है।
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