कर्नाटक के धारवाड़ जिले के ग्रामीण इलाकों में हर घर तक पेयजल पहुंचाने के लिए एलएंडटी (लार्सन एंड टूब्रो) कंपनी को पांच साल पहले टेंडर सौंपा गया था। हालांकि कंपनी ने परियोजना को समय पर पूरा नहीं किया, जिससे कंपनी पर आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
धारवाड़ में ग्रामीणों को पेयजल के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसे दूर करने के लिए पांच साल पहले टेंडर निकालकर लार्सन एंड टूब्रो कंपनी को दिया गया था, लेकिन कंपनी ने समस्या को नजरअंदाज कर दिया और काम पूरा नहीं किया। इसकी वजह से यह समस्या जिले के जनप्रतिनिधियों के लिए एक सिरदर्द बन गई है।
पहले से निर्धारित समय सीमा के भीतर काम नहीं होने के कारण अब कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। एलएंडटी को मालाप्रभा बांध से 368 गांवों तक पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम दिया गया था, जिसे इनको एक साल के अंदर ही पूरा किया जाना था, लेकिन कंपनी ने परियोजना में लगातार देरी की। इस देरी के लिए पहले ही 25 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है, फिर भी काम में कोई प्रगति नहीं हुई।
ग्रामीणों की समस्या दूर करने और जल्दी काम करने को लेकर बेंगलुरु में एलएंडटी के अधिकारियों के साथ कई बैठकें हुईं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया। इस परियोजना की देरी ने धारवाड़ जिले के विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को परेशान कर दिया है। हाल ही में कर्नाटक विकास कार्यक्रम (केडीपी) की बैठक में अधिकारियों पर दबाव डाला गया कि वे कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करें।
जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि यदि एलएंडटी इस मामले से बचना चाहती है, तो उसे परियोजना में तेजी लानी होगी और इसे जल्द से जल्द पूरा करना होगा। अगर कंपनी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाती तो इसे ब्लैक लिस्ट करने की भी सिफारिश की जा सकती है। इस विवाद ने एलएंडटी के कामकाजी मानकों पर सवाल खड़ा कर दिया है और ग्रामीण इलाकों में पेयजल आपूर्ति की स्थिति गंभीर हो गई है।
प्रभारी मंत्री संतोष लाड ने कहा कि 25 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना में भारी देरी हो रही है और कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है। यह परियोजना मालाप्रभा बांध से 368 गांवों को पानी उपलब्ध कराने वाली थी।

