October 14, 2025
National

करूर भगदड़ : मद्रास हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच से किया इनकार, राजनीतिक रैलियों के लिए सख्त एसओपी का सुझाव

Karur stampede: Madras High Court refuses CBI probe, suggests strict SOPs for political rallies

मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राजनीतिक रैलियों के लिए सख्त एसओपी का सुझाव दिया। साथ ही, कोर्ट ने अभिनेता-राजनेता विजय की करूर रैली में पिछले महीने हुई भगदड़ की सीबीआई जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया। करूर भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी।

एम धंदापानी और एम जोतिरमन की पीठ ने भाजपा नेता उमा आनंदन की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर कार्यवाही करने से इनकार कर दिया, लेकिन याचिकाकर्ता को यह छूट दी कि यदि जांच ठीक से नहीं की जाती है तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

अदालत ने मामले में याचिकाकर्ता के अधिकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस अदालत को राजनीतिक अखाड़े की तरह न समझें।

कोर्ट ने कहा कि यदि पीड़ित व्यक्ति इस अदालत में आते हैं, तो हम उन्हें बचाएंगे। अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि पहले वह करूर में 27 सितंबर की घटना की जांच को उसके वर्तमान प्रारंभिक चरण से आगे बढ़ने दें।

भाजपा नेता ने घटना की सीबीआई से जांच कराने के लिए हाई कोर्ट से निर्देश मांगा था और दावा किया था कि ये मौतें कथित सरकारी उदासीनता के कारण हुई हैं।

हाई कोर्ट ने कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। कुछ याचिकाओं में पीड़ितों के लिए घोषित मुआवजे में वृद्धि की मांग की गई थी।

पीठ ने रैलियों या बैठकों के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने और राज्य या राष्ट्रीय राजमार्गों के निकट आयोजनों की अनुमति न देने के तमिलनाडु सरकार के सुझाव पर गौर किया।

अदालत ने सुझाव दिया कि भविष्य में जब ऐसी राजनीतिक रैलियां या बैठकें निर्धारित स्थानों पर आयोजित की जाएं तो सरकार और राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वहां पेयजल और स्वच्छता की उचित व्यवस्था हो।

पीठ ने यह भी कहा कि भगदड़ की संभावना को कम करने के लिए निकास मार्ग और पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

टीवीके पार्टी की रैली में हुई भगदड़ ने राज्य में राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। इस घटना को लेकर पुलिस ने पार्टी के राज्य महासचिव बूसी आनंद पर मामला दर्ज किया है।

विजय ने इस दुखद घटना के पीछे साजिश का आरोप लगाया, जबकि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विरोधी दलों पर त्रासदियों का फायदा उठाकर चुनावी लाभ लेने का आरोप लगाया।

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