August 4, 2025
National

राहुल गांधी को केसी त्यागी ने दी नसीहत, बयान देने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें

KC Tyagi advised Rahul Gandhi to do a thorough investigation before making a statement

सुप्रीम कोर्ट की ओर से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को भारतीय सेना के बारे में कथित रूप से अपमानजनक बयान देने के लिए कड़ी फटकार लगाई गई। कोर्ट की फटकार लगाए जाने के बाद जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता केसी त्यागी ने उन्हें नसीहत दी है कि वह बयान देने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें।

सोमवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान, केसी त्यागी ने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को कोई भी बयान देने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करनी चाहिए ताकि उनकी किरकिरी या जग हंसाई न हो।

इस मामले में शिवसेना प्रवक्ता कृष्ण हेगड़े ने कहा कि अदालत की टिप्पणियों से विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी के आचरण पर गंभीर संदेह पैदा होता है।

हेगड़े ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी पर बहुत कड़ी टिप्पणी की है। उनकी स्थिति स्वयं ही जांच के दायरे में आ गई है। न्यायाधीशों ने सवाल किया कि उनके पास यह दावा करने का क्या सबूत है कि चीन ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।”

उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी की देशभक्ति पर किसी को संदेह नहीं है, लेकिन संसद के बजाय सोशल मीडिया पर निराधार दावे करना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए नुकसानदेह है।

हेगड़े ने कहा कि राहुल गांधी संसदीय बहसों में भाग लेने के बजाय बयानबाजी को प्राथमिकता देते हैं। अदालत ने भी इस पर टिप्पणी की है। यह विपक्ष के नेता के रूप में उनकी भूमिका को कमजोर करता है।

यह मामला राहुल गांधी की ओर से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान की गई बयानबाजी से जुड़ा है। कांग्रेस सांसद ने कथित तौर पर कहा था, “चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना के जवानों की पिटाई कर रहे हैं” और 9 दिसंबर, 2022 को तवांग सेक्टर में हुई झड़प का जिक्र किया था।

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने विपक्ष के नेता गांधी के इस दावे पर असहमति जताई कि चीन ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। साथ ही, उन्होंने कहा कि “अगर वह एक सच्चे भारतीय होते, तो यह सब नहीं कहते।”

न्यायमूर्ति दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने विपक्ष के नेता गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा, “आपको कैसे पता कि 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर चीन ने कब्जा कर लिया है? क्या आप वहां थे? क्या आपके पास कोई विश्वसनीय जानकारी है? अगर आप एक सच्चे भारतीय होते, तो यह सब नहीं कहते। जब सीमा पार संघर्ष होता है, तो क्या दोनों पक्षों में सैनिकों का हताहत होना असामान्य है?”

सर्वोच्च न्यायालय ने आगे पूछा, “आपको जो भी कहना है, संसद में क्यों नहीं कहते? आपको सोशल मीडिया पोस्ट में ऐसा क्यों कहना पड़ता है?”

यह टिप्पणी सिंघवी की इस दलील के बाद आई कि अगर किसी विपक्षी नेता को प्रेस में राष्ट्रीय चिंता के मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं दी जा सकती, तो यह एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी।

जदयू नेता केसी त्यागी ने 7 अगस्त को इंडी अलायंस की बैठक पर कहा कि विपक्ष की ओर से एसआईआर को लेकर गुमराह किया जा रहा है। चुनाव आयोग स्पष्ट कर चुका है कि अभी तक किसी की ओर से आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई है।

पी. चिदंबरम के बयान पर उन्होंने कहा कि इंडी अलायंस में शामिल शिवसेना (यूबीटी), डीएमके जैसी पार्टियां बिहार के लोगों के खिलाफ हैं। इनके द्वारा बिहार के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है और इस पर राजद चुप है।

तेजस्वी यादव के आरोपों पर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने दो वोटर कार्ड रखने पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। उम्मीद है कि वह अपनी गलती सुधारेंगे।

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