जाहिर तौर पर पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए नायब सिंह सैनी सरकार ने कागज रहित भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) व्यवस्था को अपना लिया है।
नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के निदेशक अमित खत्री द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि हरियाणा अनुसूचित सड़कें एवं अनियमित विकास के नियंत्रित क्षेत्र प्रतिबंध अधिनियम, 1963 के प्रावधानों के तहत सीएलयू अनुमति प्रदान करने की प्रक्रिया को सीएलयू-II समझौता प्रक्रिया में ई-साइन सेवाओं, आधार प्रमाणीकरण और डिजिटल हस्ताक्षरों के एकीकरण के माध्यम से कागज रहित बनाया गया है।
अब विभाग सीएलयू समझौते के साथ आशय पत्र (एलओआई) जारी करेगा। जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) ई-साइन का उपयोग करके एलओआई दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेंगे। आदेश में कहा गया है, “नागरिक डैशबोर्ड पर “एलओआई/अवलोकन नोटिस उत्तर” लिंक के माध्यम से आवेदकों को दस्तावेज उपलब्ध होंगे।”
हरियाणा अनुसूचित सड़कें और अनियमित विकास के नियंत्रित क्षेत्र प्रतिबंध अधिनियम, 1963 के प्रावधानों के तहत सीएलयू अनुमति प्रदान करने की प्रक्रिया को सीएलयू-II समझौता प्रक्रिया में ई-साइन सेवाओं, आधार प्रमाणीकरण और डिजिटल हस्ताक्षरों के एकीकरण के माध्यम से कागज रहित बनाया गया है।
— अमित खत्री, निदेशक, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग इस बीच, आवेदकों के पास ई-साइन, आधार प्रमाणीकरण और डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से सीएलयू समझौते पर डिजिटल हस्ताक्षर करने के लिए तीन विकल्प होंगे।
इसके बाद, डीटीपी आवेदक से प्राप्त एलओआई अनुपालन और डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित सीएलयू समझौते की समीक्षा करेगा और जिला अटॉर्नी से इसकी जांच करवाएगा। सत्यापन के बाद, डीटीपी सीएलयू अनुमति के लिए आगे की प्रक्रिया के लिए फाइल को आगे बढ़ाएगा।
आदेश में कहा गया है, “निदेशक, नगर एवं ग्राम नियोजन, अंततः डिजिटल हस्ताक्षर के साथ सीएलयू समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे और अंतिम अनुमति जारी करेंगे।”
सूत्रों ने कहा कि कागज रहित व्यवस्था से आवेदकों, विशेषकर बिल्डरों और सरकारी अधिकारियों के बीच संपर्क कम करने में काफी मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप सीएलयू अनुमति प्रदान करने में अधिक पारदर्शिता आएगी।
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