नई दिल्ली, 22 अक्टूबर। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के जीर्णोद्धार में हुए खर्च के खिलाफ भाजपा महिला मोर्चा विरोध प्रदर्शन कर रही है। मंगलवार को दिल्ली भाजपा युवा मोर्चा और महिला मोर्चा ने एक श्रृंखला बनाकर शांगरी-ला होटल के चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ नारेबाजी कर रही हैं। पोस्टरों पर लिखा है ‘वह टोंटी लेकर भागे थे, आप कमोड लेकर भाग गए।’
भाजपा महिला मोर्चा की पदाधिकारी अनु ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि हम आज यहां केजरीवाल के भ्रष्टाचार को उजागर करने आए हैं। उनका शीश महल (जिस आवास में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल रहते थे) है, जिसमें उन्होंने करोड़ों के पर्दे और तीन-तीन करोड़ की टॉयलेट सीट लगवाई हैं। उन्होंने ऐसे वर्क बोर्ड लगवाए हैं, जो रिमोट से चलते हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता अब देखेगी कि कैसे पूर्व सीएम केजरीवाल कहते थे कि मैं किसी भी तरह की सुविधा नहीं लूंगा। मैं आम आदमी की तरह रहूंगा, आम आदमी की तो बात ही छोड़िए, वो उससे बहुत आगे निकल गए हैं। पहले वो कहते थे कि शीला दीक्षित ने भ्रष्टाचार किया है, उन्होंने 10 एसी लगवाए, देखिए उन्होंने अपना शौचालय बनवाया है, एक शौचालय की कीमत 3 करोड़ रुपए है, जिसकी खासियत ये है कि उसका कमोड रिमोट से खुलता है, फ्लश के लिए सेंसर लगा है। आज हम ऐसे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ प्रदर्शन करने आए हैं, ताकि हम दिल्ली की जनता को बता सकें कि दिल्ली के अरविंद केजरीवाल बहुत ईमानदार व्यक्ति नहीं, बल्कि कट्टर भ्रष्ट व्यक्ति हैं।
दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता रश्मि शर्मा ने कहा कि केजरीवाल ने इस्तीफा तो दे दिया है लेकिन उनकी डिटेल सामने आ गई है। पीडब्ल्यूडी ने जो लिस्ट दी है, किस लिस्ट में क्या-क्या चीजें हैं जो उन्होंने अपने शीश महल में लगवाई, शीश महल जनता का पैसा था, उसका दुरुपयोग करके उन्होंने इसे महल में लगा दिया। हमारी बस यही मांग है कि उन्होंने शीश महल में जो पैसा लगाया है, जो चीजें उन्होंने इसके अंदर से चुराई हैं, रिमोट वाले पर्दे, करोड़ों का एलईडी टीवी जो उन्होंने लगवाया है, जनता का जो पैसा बर्बाद किया है, वो जनता का पैसा लौटाएं।
भाजपा का आरोप है कि तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल ने जीर्णोद्धार के नाम पर नया ही मुख्यमंत्री आवास बनवा लिया। इस पर आम लोगों के टैक्स का एक बड़ा हिस्सा खर्च किया गया है। भारतीय जनता पार्टी ने इसे ‘शीश महल’ नाम दिया है।