नई दिल्ली, 12 जुलाई । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में अंतरिम जमानत मिलने के बाद बीजेपी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस संबंध में आईएएनएस से बातचीत में कहा, “अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के सूत्रधार हैं। उन्होंने घोटाला किया है। उसका निर्णय आना बाकी है। कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इसके अलावा, बड़ी बेंच को भी मामला भेज दिया गया है, लेकिन शराब घोटाले में हुई चोरी को लेकर कोर्ट का फैसला आना बाकी है, इसलिए जब तक न्यायालय का फैसला पूरी तरह से नहीं आ जाता, तब तक केजरीवाल दोषी रहेंगे। शराब घोटाला आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया है। पूरे 100 करोड़ का घोटाला हुआ है। इसमें आम आदमी पार्टी के बड़े-बड़े नेता शामिल हैं, तो ऐसे में मेरा कहना है कि पहले जांच एजेंसी को जांच पूरी कर लेने दीजिए।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा है कि आखिर आम आदमी पार्टी को इनती हड़बड़ाहट क्यों है? मैं तो यही कहूंगा कि पहले निर्णय आने दीजिए। एक बात स्पष्ट है कि दिल्ली के शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी और इनके नेता शामिल हैं। इन सभी की भूमिका संदिग्ध है। अरविंद केजरीवाल घोटालेबाज थे, घोटालेबाज हैं और घोटालेबाज रहेंगे। इसके अलावा, केजरीवाल को अभी महज अंतरिम जमानत ही मिली है। अंतरिम जमानत मिलने से कोई अपराध मुक्त नहीं हो जाता।“
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने भी केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “सबसे पहले आप एक बात समझिए कि अरविंद केजरीवाल को सिर्फ अंतरिम बेल मिली है। उनके खिलाफ जो मामले अदालत में चल रहे हैं, वो खारिज नहीं हुए हैं, वो अभी भी न्यायालय में विचाराधीन हैं। ऐसे में यह कहना उचित नहीं रहेगा कि उन्हें इस मामले में अपराध मुक्त कर दिया गया है। ईडी के पास पुख्ता सबूत हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है कि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्य नेता इस घोटाले में शामिल हैं। कोर्ट में मामला विचाराधीन है। कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद ही केजरीवाल को पूर्णत: जमानत मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा। इससे पहले, लालू यादव के खिलाफ भी घोटाले के मामले में सजा मिल चुकी है। उनके खिलाफ भी लंबे समय तक कोर्ट में मामला चला था। वहीं, सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी बेल पर जेल से बाहर हैं, लेकिन उनके खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं, जब भी कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा, तो इन्हें जेल जाना होगा। लिहाजा, अरविंद केजरीवाल को मेरा सुझाव है कि वो और उनके नेता कोर्ट के फैसले पर ज्यादा खुश होने के बजाए कानूनी पहलुओं पर आ रही दुश्वारियों के बारे में पहले विस्तार पूर्वक समझ लें। अगर वो ऐसा करेंगे तो उनकी खुशी खुद ही निराशा में तब्दील हो जाएगी।“
बीजेपी नेता योगेंद्र चंदोलिया ने भी केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “इससे पहले भी केजरीवाल को जमानत मिली थी। इसके बाद वो जेल चले गए थे। केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को छला है, आखिर वो कब तक बच पाएंगे। केजरीवाल साहब की जिंदगी जेल में बीतेगी, क्योंकि उन्होंने एक या दो नहीं, बल्कि कई घोटाले किए हैं। इनमें शराब घोटाला, दिल्ली जल बोर्ड घोटाला, बस घोटाला शामिल है। इस तरह से मुझे नहीं लगता है कि अगर वो जेल से बाहर आ भी जाए, तो उन्हें किसी भी प्रकार की कानूनी राहत मिलने वाली है।“
वहीं, बांसुरी स्वराज ने भी केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत पर मीडिया के सामने बयान दिया। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री केजरीवाल जांच एजेंसी को गुमराह कर रहे हैं और इसके साथ ही अपने साथियों को भी इसमें लिप्त कर रहे हैं। कभी सौरभ भारद्वाज का नाम लेते हैं, तो कभी आतिशी का नाम लेते हैं, कभी दुर्गेश पाठक का नाम लेते हैं, लेकिन सत्ता के नशे में इस कदर मदमस्त हैं कि वो सीएम की कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। इनकी इसी जिद के कारण दिल्ली के लोगों को बेशुमार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन लोगों की वजह से दिल्ली में एक संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। आज भी अंतरिम जमानत की शर्तें वहीं हैं, जो कि पहले थीं। शर्त काफी कठोर है। इसमें कहा गया है कि केजरीवाल सीएम दफ्तर नहीं जा सकते। दूसरी बात, वो कोई फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते, जब तक कि उसे एलजी कार्यालय के यहां भेज ना दिया जाए। सत्ता के नशे में केजरीवाल मदमस्त हैं और जनता त्रस्त है, उन्हें तुरंत त्यागपत्र देना चाहिए।“
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शराब नीति घोटाला मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है, लेकिन इसके बावजूद वो सलाखों के पीछे ही रहेंगे, क्योंकि अभी उनके खिलाफ सीबीआई का मामला चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से उन्हें यह जमानत ईडी वाले मामले में मिली है। वहीं, केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत के बाद आम आदमी पार्टी के नेता उत्साहित नजर आ रहे हैं। इसी संबंध में आम आदमी पार्टी ने प्रेसवार्ता की। इसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि केजरीवाल को इस्तीफा देने की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में स्पष्ट कर दिया है कि केजरीवाल सीएम पद पर रहते हैं या नहीं, यह विषय उनकी पार्टी के क्षेत्राधिकार में आता है, इस संबंध में कोर्ट कोई फैसला नहीं ले सकती।
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