तिरुवनंतपुरम, 23 जनवरी । अभिनेता से नेता बने केरल के मंत्री के.बी. गणेश कुमार को यह एहसास हो गया है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के विपरीत, जहां वह मंत्री रह चुके हैं, वामपंथी सरकार में चीजें अलग हैं। इसलिए उन्होंने चुप रहने की कसम खाई है।
57 वर्षीय कुमार 2001 से विधायक हैं और वह कांग्रेस नेता एके एंटनी के मंत्रिमंडल में मंत्री थे।
वह 2016 में फिर से ओमन चांडी कैबिनेट में थे, लेकिन अपनी तत्कालीन पत्नी के साथ कुछ मामले को लेकर उन्होंने पद छोड़ दिया और तब से वह यूडीएफ से नाराज थे।
आखिरकार वो अपने पिता के साथ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे में चले गए।
कुमार अपनी कठोर कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं और यूडीएफ में रहते हुए उन्होंने ओमन चांडी को कड़ी चुनौती दी थी।
पिनाराई विजयन सरकार में मंत्री बनने के बाद राज्य परिवहन विभाग में ई-बसों से संबंधित मुद्दे पर उनका अपने पूर्ववर्ती राजू के साथ टकराव हो गया।
राजू के साथ इस तरह के वर्ताव से मुख्यमंत्री विजयन सहित माकपा में कई लोग नाराज हुए। फिर राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने उन्हें साफ कह दिया कि उन्हें चुप रहना होगा।
मंगलवार को नरम पड़े कुमार ने मीडिया पर आरोप लगाया और कहा कि वह कुछ नहीं कहेंगे और उनके अधिकारी बातचीत करेंगे।
नाराज कुमार ने कहा, “मैं ई-बस पर अपनी स्थिति पर कायम हूं और अब से मैं कोई निर्णय नहीं लूंगा और अधिकारी सभी के साथ संवाद करेंगे।”
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