October 14, 2024
National

खड़गे ने मुडा घोटाले से ध्यान हटाने के लिए हम पर लगाया आतंकवाद का आरोप : राजीव चंद्रशेखर

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर । भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को ‘भाजपा आतंकवादियों की पार्टी है’ बयान पर आड़े हाथों लिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मुडा मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस नेता ने इस तरह की टिप्पणी की है।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत की। कहा, “मल्लिकार्जुन खड़गे हाल ही में बहुत परेशान हैं, खासकर जब से कुछ तथ्य सामने आए हैं। हमने देखा कि उन्होंने दो दिन पहले बीजेपी पर आतंकवाद के आरोप यह सोचते हुए लगाए कि इससे लोगों का ध्यान भटक जाएगा और मुद्दा सुलझ जाएगा। लेकिन कर्नाटक में जो हुआ, वह गलत था, और उन्हें इसके कारण कल जमीन वापस करनी पड़ी। इससे यह साबित हो गया कि स्थिति गंभीर थी, और लोग गुस्से में थे।”

उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस पार्टी कह रही है कि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ, इसलिए उन्होंने जमीन वापस नहीं लौटाई। दरअसल, कांग्रेस पार्टी 2जी घोटाले के समय से ही जीरो लॉस के सिद्धांत पर विश्वास करती है। उनका मानना है कि जब तक जमीन पर कब्जा उनके पार्टी के नेताओं द्वारा किया जा रहा है, तब तक इसमें कोई घोटाला नहीं है। यही उनकी संस्कृति का हिस्सा है। जब भी किसी घोटाले का खुलासा होता है, कांग्रेस पार्टी की पहला प्रतिक्रिया यही होती है कि कोई घोटाला नहीं हुआ। लेकिन फिर सच सामने आता है और लोगों तक पहुंचता है तो वह फिर यही करते हैं।”

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे राहुल खड़गे ने रविवार को कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) के सीईओ को पत्र लिखकर सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को आवंटित पांच एकड़ भूखंड का स्वामित्व रद्द करने की मांग की थी।

केआईएडीबी के सीईओ को लिखे पत्र में राहुल खड़गे ने लिखा, “हम अपना प्रस्ताव वापस लेते हैं और बोर्ड से अनुरोध करते हैं कि वह बहु कौशल विकास केंद्र और अनुसंधान केंद्र के लिए अनुरोधित सीए साइट के आवंटन को रद्द कर दे।”

राहुल खड़गे सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं।

उन्होंने 20 सितंबर 2024 के पत्र में लिखा है, “बोर्ड इसे आवंटन पत्र के खंड 8 के अनुसार सीए साइट के स्वैच्छिक आत्मसमर्पण के रूप में स्वीकार कर सकता है।”

राहुल खड़गे ने कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) के सीईओ को लिखे पत्र में सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को आवंटित पांच एकड़ भूखंड का स्वामित्व रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने इस पर बोर्ड से अपना प्रस्ताव वापस लेने और बहु कौशल विकास केंद्र और अनुसंधान केंद्र के लिए अनुरोधित सीए साइट के आवंटन को रद्द करने की अपील की थी।

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