N1Live Haryana खट्टर ने लंबित कर भुगतान के लिए एकमुश्त निपटान-2023 योजना शुरू की
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खट्टर ने लंबित कर भुगतान के लिए एकमुश्त निपटान-2023 योजना शुरू की

Khattar launches One Time Settlement-2023 scheme for pending tax payments

गुरुग्राम, 1 जनवरी । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जीएसटी लागू होने से पहले से लंबित कर भुगतान को निपटाने के लिए हरियाणा के व्यापारियों और व्यापारिक समुदाय के लंबे समय से चले आ रहे अनुरोध पर अमल करते हुए रविवार को उत्पाद शुल्क एवं कराधान विभाग के जरिए वन टाइम सेटलमेंट-2023 (ओटीएस) योजना की शुरुआत की।

यह योजना 1 जनवरी 2024 से 30 मार्च 2024 तक चालू रहेगी।

इस अवधि के दौरान व्यवसायों के पास ओटीएस-2023 योजना के तहत प्री-जीएसटी कर देनदारियों का निपटान करने का अवसर है।

जीएसटी से पहले प्रभावी सात कर अधिनियमों से संबंधित मामलों के लिए ब्याज और दंड से छूट के साथ करों को चार समूहों में वर्गीकृत किया गया है।

मुख्यमंत्री ने इसके अलावा, एचआईपीए, गुरुग्राम के सहयोग से एक जीएसटी प्रशिक्षण संस्थान खोलने की घोषणा की।

रविवार को गुरुग्राम में ओटीएस-2023 के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश को नए साल की शुभकामनाएं भी दीं।

कार्यक्रम को आबकारी एवं कराधान विभाग देखने वाले उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने भी संबोधित किया।

ओटीएस योजना के तहत कर राशि को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जो बिना विवाद वाले मामलों के लिए निर्विवाद शुल्क श्रेणी से शुरू होती है।

करदाताओं को इस श्रेणी में बिना किसी दंड या ब्याज के 100 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा।

50 लाख रुपये से कम के विवादित करों के लिए, करदाताओं को बकाया राशि का 30 प्रतिशत भुगतान करना होगा। 50 लाख रुपये से अधिक के विवादित करों के लिए उन्हें 50 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।

तीसरी श्रेणी विभाग द्वारा मूल्यांकन किए गए निर्विवाद करों पर लागू होती है, जहां कोई अपील नहीं की गई थी। यदि राशि 50 लाख रुपये से कम है तो करदाताओं को 40 प्रतिशत और 50 लाख रुपये से अधिक होने पर 60 प्रतिशत का भुगतान करना होगा।

यह श्रेणी जुर्माने और ब्याज से भी राहत देती है। चौथी श्रेणी में कर दरों में अंतर के कारण बकाया राशि शामिल है।

यहां, सरकार ने राशि में छूट दी है, जिससे करदाताओं को कुल राशि का केवल 30 प्रतिशत भुगतान करना होगा।

कर राहत की पेशकश करते हुए ओटीएस योजना आसान किस्त विकल्प भी प्रदान करती है। 10 लाख रुपये से कम बकाया राशि वाले करदाताओं को 30 मार्च से पहले पूरी राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा।

10 लाख रुपये से 25 लाख रुपये तक की राशि का भुगतान 52 प्रतिशत की दो किस्तों में किया जा सकता है।

यदि बकाया 25 लाख रुपये से अधिक है, तो भुगतान तीन किश्तों में किया जा सकता है – पहले 90 दिनों में 40 प्रतिशत, अगले 90 दिनों में 30 प्रतिशत और अंतिम 90 दिनों में 30 प्रतिशत।

यह एकमुश्त निपटान योजना 30 जून, 2017 तक उत्पाद शुल्क और कराधान विभाग के बकाया कर मुद्दों का समाधान करती है।

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