भारतीय किसान एकता (बीकेई) के प्रदेश अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने हिसार घग्गर ड्रेन पर टूटे साइफन को लेकर सिंचाई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप लगाया है। किसानों के कई सालों के विरोध के बाद पिछले साल बनाया गया साइफन कुछ ही दिनों में टूट गया। बार-बार अनुरोध के बावजूद इसकी मरम्मत नहीं की गई, जिससे तीन नहरों शेरांवाली पैरेलल, एसजीसी और कुत्ताबाध में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई।
औलाख ने कहा कि अधिकारियों और ठेकेदार ने विरोधाभासी स्पष्टीकरण दिए। ठेकेदार ने पाइपों की अनुपलब्धता को दोषी ठहराया और दावा किया कि हिमाचल से नए पाइप आ रहे हैं, जबकि वरिष्ठ अधिकारियों ने एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल दी।
उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग ने खराब योजना और भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए मरम्मत में देरी की, खासकर मानसून के दौरान, जब नाले में पानी भर गया था। उन्होंने ओटू हेड गेट्स की मरम्मत के लिए बार-बार बिल भेजे जाने पर भी चिंता जताई, जो खराब स्थिति में हैं।
औलाख ने आगे दावा किया कि ओटू हेड पर कंक्रीट अवरोधकों को पुनः स्थापित करने के लिए जारी किया गया करोड़ों रुपये का नया टेंडर भी स्थानीय और चंडीगढ़ स्थित अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार में लिप्त है।
बीकेई ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। औलाख ने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के भीतर मरम्मत कार्य पूरा नहीं हुआ तो किसान आंदोलन करेंगे। घोषणा के दौरान बीकेई के महासचिव अंग्रेज सिंह कोटली और अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
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