N1Live Himachal भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर किसान सभा करेगी विरोध प्रदर्शन
Himachal

भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर किसान सभा करेगी विरोध प्रदर्शन

Kisan Sabha will protest on the issue of land acquisition

मंडी, 20 अगस्त हिमाचल किसान सभा ने राज्य में भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करने का फैसला किया है। किसान राज्य में विकास परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित अपनी भूमि के लिए उचित मुआवजे के लिए भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं।

किसान सभा ने भूमि अधिग्रहण के मुद्दों और उससे जुड़ी चिंताओं को संबोधित करने के लिए कल मंडी में एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन का परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करते हुए कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण हो रहा है, लेकिन किसानों और प्रभावित पक्षों को अपर्याप्त मुआवज़ा मिल रहा है। उन्होंने किसानों और प्रभावित समुदायों को एकजुट होने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और कहा कि किसान सभा इस लक्ष्य की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।

तंवर ने राज्य में भूमि अधिग्रहण अधिनियम के क्रियान्वयन में कमी की आलोचना की और मांग की कि कानून के अनुसार मुआवजा, पुनर्वास और पुनर्वास सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सम्मेलन की शुरुआत कुशाल भारद्वाज ने की, जिन्होंने बताया कि राजमार्ग, रेलवे, टावर लाइन, पनबिजली परियोजनाओं, हवाई अड्डों और उद्योगों सहित विभिन्न परियोजनाओं के लिए राज्य भर में भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है।

उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि भूमि अधिग्रहण कानून का पालन नहीं किया जा रहा है, निर्धारित मानदंडों के अनुसार मुआवजा नहीं दिया जा रहा है तथा अन्य प्रावधानों की भी अनदेखी की जा रही है।

भारद्वाज ने पुनर्वास, पहुंच मार्ग, पर्यावरणीय क्षति और भूमि अधिग्रहण के अन्य प्रभावों से संबंधित मुद्दों के समाधान में कथित विफलता की भी आलोचना की।

ओंकार शाद ने कहा कि संगठित संघर्ष ऐतिहासिक रूप से किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने सामंतवाद और साम्राज्यवाद के खिलाफ पिछले संघर्षों को याद किया जिसके कारण हिमाचल प्रदेश में भूमि सुधार हुए। शाद ने कहा कि ऐसे प्रयासों के बावजूद किसानों को अपर्याप्त मुआवजा और रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने भूमि का कम मूल्यांकन करने और भूमि सर्किल दरों को कम करके किसानों का शोषण करने के लिए पिछली भाजपा सरकार की आलोचना की।

सम्मेलन में सभी जिलों में अतिरिक्त बैठकें आयोजित करने, हस्ताक्षर अभियान और याचिकाएँ शुरू करने तथा स्थानीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू करने का संकल्प लिया गया। सुन्नी हाइड्रो प्रोजेक्ट से प्रभावित लोगों की मांगों को लेकर 16, 17 और 18 सितंबर को नीरथ, कोटखाई रामपुर में प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।

सम्मेलन में मंडी, शिमला, कुल्लू, कांगड़ा, सिरमौर और सोलन सहित विभिन्न जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

Exit mobile version