आज शंभू बॉर्डर पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले किसान मजदूर मोर्चा (KMSC) के नेता शामिल हुए। इस बैठक में पंजाब भर में धान की देरी से खरीद और उठान को लेकर किसानों के सामने आ रही चुनौतियों सहित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई।
केएमएससी का प्रतिनिधित्व करने वाले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने अपने ‘एक्स’ पर कहा कि शंभू सीमा पर मोर्चा अपने 274वें दिन में प्रवेश कर गया है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी, किसानों के कर्ज माफ करने और अन्य शर्तों की मांग को पूरा नहीं करती।
केएमएससी नेताओं ने बठिंडा के राय के कलां मंडी में किसानों पर हाल ही में हुए पुलिस लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की और पंजाब सरकार पर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ किए गए व्यवहार के लिए निशाना साधा। आगे भी आक्रामक उपायों के खिलाफ चेतावनी देते हुए मोर्चा ने इस बात पर जोर दिया कि किसान बल से नहीं डरेंगे और अधिकारियों से उनकी शिकायतों का तुरंत समाधान करने का आग्रह किया। नेताओं ने कहा, “किसान पहले से ही धान की खरीद में देरी, डीएपी की कमी और मंडियों में इंतजार करने वाली रातों से परेशान हैं।”
मोर्चा ने 15 नवंबर को शंभू बॉर्डर पर गुरुपर्व मनाने का भी फैसला किया और लोगों से बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में भाग लेने का आह्वान किया। इसके अलावा, केएमएससी नेताओं ने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ को संरक्षित करने के लिए काम करने वाले संगठनों के साथ एकजुटता व्यक्त की और पंजाब की सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए सभी प्रयासों में साथ देने का संकल्प लिया।
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