N1Live National छठ पूजा को जिनकी आवाज ने लोकल से ग्लोबल बनाया, उस स्वर कोकिला ने नहाय-खाय के दिन ली अंतिम सांस
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छठ पूजा को जिनकी आवाज ने लोकल से ग्लोबल बनाया, उस स्वर कोकिला ने नहाय-खाय के दिन ली अंतिम सांस

Kokila, the voice whose voice took Chhath Puja from local to global, breathed her last on the day of Nahay-Khay.

नई दिल्ली, 6 नवंबर। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार की रात निधन हो गया। वह 72 साल की थीं। कुछ दिन पहले बीमारी के चलते उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। सोमवार को तबीयत बिगड़ने पर उन्हें वेंटीलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था।

शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमन सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर पोस्ट में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया, “आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मइया ने अपने पास बुला लिया है। मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।”

पद्म भूषण से सम्मानित 72 वर्षीय शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी गानों के लिए जानी जाती हैं। उनके चर्चित गानों में ‘विवाह गीत’ और ‘छठ गीत’ शामिल हैं। गीत-संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है।

शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के समस्तीपुर में संगीत से जुड़े एक परिवार में हुआ था। उन्होंने 1980 में ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से अपना करियर शुरू किया और जल्द ही अपनी दमदार आवाज और भावनात्मक प्रस्तुति के लिए मशहूर हो गईं।

बता दें कि इससे पहले छठ गीतों से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के आम लोगों के दिलों पर राज करने वाली लोक गायिका के बेटे अंशुमन सिन्हा ने अपने यूट्यूब चैनल पर बताया था, “इस बार यह सच्ची खबर है, मां वेंटिलेटर पर हैं।”

उन्होंने लोगों से प्रार्थना जारी रखने की अपील करते हुए कहा था, “बहुत बड़ी लड़ाई में मां जा चुकी हैं। और मुश्किल है, काफी मुश्किल है। इस बार काफी मुश्किल है। बस यही प्रार्थना कीजिए कि वह लड़कर बाहर आ सकें।”

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