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केटी रामा राव ने कोर्ट में दर्ज कराया बयान, कोंडा सुरेखा के खिलाफ दायर किया मानहानि केस

KT Rama Rao recorded statement in court, defamation case filed against Konda Surekha

हैदराबाद, 24 अक्टूबर। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने बुधवार को मानहानि मामले में कोर्ट ने अपना बयान दर्ज कराया है। उन्होंने तेलंगाना सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री कोंडा सुरेखा के खिलाफ दायर 100 करोड़ रुपए के मानहानि केस में बयान दर्ज कराया है।

प्रथम श्रेणी के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान में रामा राव ने कहा कि मंत्री की टिप्पणी बेहद अपमानजनक थी और उनका उद्देश्य उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करना था।

बीआरएस नेता ने कहा, “वह कोंडा सुरेखा द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों को दोहराना नहीं चाहेंगे, क्योंकि वे एक महिला एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु से संबंधित हैं।”

केटीआर ने कहा कि उन्होंने अपनी याचिका में लिखित रूप में सभी जानकारी दी है।

बीआरएस नेता दासोजू श्रवण ने भी गवाह के तौर पर अपना बयान दर्ज कराया है। इसके अलावा अन्य गवाहों में सत्यवती राठौर, बालका सुमन और जगदीश रेड्डी का बयान 30 अक्टूबर को दर्ज किया जाएगा।

तेलंगाना सरकार में मंत्री कोंडा सुरेखा ने आरोप लगाया था कि एक्टर नागा चैतन्य और सामंथा रुथ प्रभु के तलाक के लिए केटीआर जिम्मेदार हैं। इस दौरान उन्होंने केटीआर को लेकर कुछ टिप्पणी भी की थी।

इसके बाद बीआरएस नेता ने कोंडा सुरेखा को कानूनी नोटिस भेजकर अपनी टिप्पणी वापस लेने और माफी मांगने को कहा था। जब उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने मानहानि का मुकदमा दायर किया।

केटीआर ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि वह अपने चरित्र हनन के प्रयासों पर चुप नहीं रहेंगे।

उन्होंने कहा, “मैंने निराधार आरोपों और अपने चरित्र पर हुए कायराना व्यक्तिगत हमलों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। मैंने मंत्री कोंडा सुरेखा के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा दायर किया है। बहुत लंबे समय से ये हमले किए जा रहे हैं, लेकिन अब और नहीं।”

उन्होंने आगे कहा कि एक जनप्रतिनिधि के रूप में मैंने हमेशा व्यक्तिगत प्रतिशोध से अधिक लोगों के मुद्दों को प्राथमिकता दी है, लेकिन अब एक सीमा तय करने का समय आ गया है। मुझे उम्मीद है कि यह मुकदमा उन लोगों के लिए एक सबक होगा, जो सोचते हैं कि वे राजनीतिक आलोचना के नाम पर सस्ती बयानबाजी कर सकते हैं। मुझे विश्वास है कि कोर्ट में सच्चाई की जीत होगी।

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