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कुमार विश्वास का बयान असंवेदनशील, मोहन भागवत का बयान संतुलित : तारीक अनवर

Kumar Vishwas's statement is insensitive, Mohan Bhagwat's statement is balanced: Tariq Anwar

नई दिल्ली, 23 दिसंबर । कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने सोमवार को आईएएनएस से बातचीत करते हुए कई मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कुमार विश्वास का विवादित बयान, उत्तर प्रदेश के संभल में खुदाई के दौरान मिली 150 साल पुरानी बावड़ी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान और बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा पर अपनी राय रखी।

कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कुमार विश्वास के हालिया बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कुमार विश्वास ने कहा था कि ‘घर का नाम ‘रामायण’, लक्ष्मी कोई और उठा ले गया’, उनके इस बयान पर तारीख अनवर ने कहा कि कुमार विश्वास पढ़े-लिखे और कवि हैं और कवि होकर इस तरह का बयान देना ठीक नहीं है। किसी के व्यक्तिगत जीवन या परिवार के बारे में इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करना न केवल अनुचित है, बल्कि यह असंवेदनशील भी है।

संभल में एक मंदिर के बाद अब 150 साल पुरानी बावड़ी की खुदाई हो रही है, जिसे लेकर तारीख अनवर ने कहा कि भारत की सभ्यता 1000 साल पुरानी है और जहां भी खुदाई की जाएगी, वहां कुछ न कुछ मिलना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म के स्थान में खुदाई करने से पुरानी चीजें निकल सकती हैं, चाहे वह मंदिर हो, मस्जिद हो या गिरजाघर हो। उन्होंने आगे कहा कि पुरानी सभ्यता से जुड़ी चीजों का सम्मान किया जाना चाहिए, न कि इसका राजनीतिकरण किया जाए।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर तारीख अनवर ने कहा कि मोहन भागवत ने बिलकुल सही बात कही है। उन्होंने कहा कि आरएसएस से कांग्रेस का वैचारिक मतभेद है, लेकिन भागवत का यह बयान बहुत ही संतुलित और उपयुक्त है। यह पहली बार है जब आरएसएस ने देश के हालात को समझते हुए ऐसी सधी हुई बात कही है। जो लोग खुदाई को लेकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, वह देश के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। उन्होंने इस तरह के साजिश पूर्ण कदमों को सख्ती से नकारा और कहा कि समाज में भाईचारे और सौहार्द को बनाए रखना बेहद जरूरी है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा पर उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार के 20 साल के कार्यकाल पर नजर डाली जाए, तो बिहार में प्रगति के नाम पर कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। राज्य में बेरोजगारी बढ़ी है, पलायन जारी है, गरीबी और बीमारी की समस्या जस की तस बनी हुई है। अगर बिहार में किसी तरह का निवेश हुआ होता या कोई महत्वपूर्ण सुधार हुआ होता, तो आज बिहार की स्थिति कुछ और होती। उन्होंने यह भी कहा कि प्रगति यात्रा से ज्यादा जरूरी है कि बिहार के लोगों के लिए रोजगार और विकास के अवसर सुनिश्चित किए जाएं।

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