शिमला, 13 जून हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आज राज्य सरकार को ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें बताया जाए कि सरकारी डिग्री कॉलेज, कुपवी, शिमला के लिए भवन निर्माण के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं। सुनवाई के दौरान राज्य के वकील ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें बताया गया कि कुपवी कॉलेज में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और कुछ अन्य पदों के साथ-साथ रिक्त पदों को भरने के लिए कदम उठाए जा चुके हैं।
इस पर विचार करने के बाद, मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा कि “उक्त कॉलेज चलाने के लिए उपलब्ध कराई जा रही भूमि के संबंध में, 6 सितंबर, 2023 को एक रिपोर्ट दायर की गई थी कि उक्त कॉलेज के लिए एक इमारत के निर्माण के लिए कुछ भूमि की पहचान की गई है और उसे अंतिम रूप दिया गया है। प्रतिवादी अगली सुनवाई की तारीख तक इस पहलू पर एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेंगे।”
यह निर्देश पारित करते हुए, अदालत ने मामले को 7 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। अदालत ने यह आदेश 25 मई, 2023 को द ट्रिब्यून में प्रकाशित एक समाचार (एक साल बाद, इस एचपी कॉलेज में कोई शिक्षक नहीं, स्टोर रूम में कक्षाएं) पर आधारित एक जनहित याचिका पर पारित किया।
रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए पिछले साल कोर्ट ने इस खबर को जनहित याचिका के तौर पर माना था और मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (शिक्षा), निदेशक (उच्च शिक्षा) से जवाब मांगा था। अधिकारियों के जवाब के अवलोकन के बाद कोर्ट ने पाया कि खबर बिल्कुल सही थी और कुपवी कॉलेज में तैनात कर्मचारियों के मामले में दयनीय स्थिति को दर्शाती है।
खबर में बताया गया है कि जुलाई 2022 में कॉलेज शुरू हो गया है और कॉलेज में 72 छात्रों ने दाखिला ले लिया है। कॉलेज में पांच चपरासी और एक क्लर्क हैं, लेकिन अभी तक कोई शिक्षक नियुक्त नहीं किया गया है। पूरे सत्र में कोई नियमित शिक्षक नहीं रहा। अखबार की खबर में आगे बताया गया है कि कुपवी कॉलेज के पास अपना भवन नहीं है और कक्षाएं पास के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के स्टोर रूम में शुरू की गई हैं।
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