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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने 11 दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी

Kurukshetra University approves 11 distance education courses

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने आज कहा कि विश्वविद्यालय का दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र जुलाई 2026 से 11 नए मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) कार्यक्रम शुरू करेगा। प्रोफेसर सचदेवा ने बताया कि सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई और यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के अनुरूप जुलाई 2026 से 11 नए मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

तीव्र वैश्विक परिवर्तन और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के युग में, विश्वविद्यालय ऐसे कार्यक्रम प्रदान कर रहा है जो रोजगारपरकता, नवाचार और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करते हैं। निर्णय के अनुसार, केंद्र जुलाई 2026 से NEP-2020 के अनुसार मुक्त और दूरस्थ शिक्षा (ODL) मोड में नए स्नातक, प्रमाणपत्र और डिप्लोमा कार्यक्रम शुरू करेगा। प्रमुख स्नातक कार्यक्रमों में बीएससी गणित, सांख्यिकी, कंप्यूटर विज्ञान, व्यवसाय विश्लेषण और भूगोल शामिल हैं। स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, मार्केटिंग, मानव संसाधन प्रबंधन, वित्त, व्यवसाय विश्लेषण आदि में नए प्रमाणपत्र और डिप्लोमा कार्यक्रम भी शुरू किए जाएँगे।

इसके अलावा, ग्रामीण पर्यटन उद्यमिता में एक वर्षीय डिप्लोमा शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देना और युवाओं में स्थानीय आत्मनिर्भरता का निर्माण करना है। कुलपति के अनुसार, यह भी निर्णय लिया गया कि मौजूदा स्नातक कार्यक्रमों में नामांकित छात्रों के पास अब मुख्य पाठ्यक्रमों के 24 अतिरिक्त क्रेडिट पूरे करके माइनर डिग्री प्राप्त करने का विकल्प होगा। इससे छात्रों को अपनी मुख्य डिग्री के साथ-साथ किसी अन्य विषय में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर मिलेगा।

प्रोफेसर सचदेवा ने कहा कि यह पहल बहुआयामी शिक्षण के अवसर प्रदान करेगी तथा रोजगार, स्टार्टअप और उद्यमिता के लिए नए रास्ते खोलेगी।

केंद्र निदेशक प्रो. मंजुला चौधरी ने इन कार्यक्रमों के महत्व, प्रासंगिकता और पाठ्यचर्या संरचना के बारे में बताते हुए कहा कि यह केंद्र किफायती, लचीला और उच्च-गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सहायता प्रदान करता है—खासकर उन छात्रों के लिए जो नौकरी, पारिवारिक ज़िम्मेदारियों या भौगोलिक सीमाओं के कारण नियमित पढ़ाई नहीं कर पाते। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले वर्षों में इस प्रणाली को और मज़बूत किया जाएगा।

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