N1Live National देश के सभी पंचायतों को मौसम विभाग से जोड़ने पर बोले ललन सिंह, इससे किसानों को होगा फायदा
National

देश के सभी पंचायतों को मौसम विभाग से जोड़ने पर बोले ललन सिंह, इससे किसानों को होगा फायदा

Lalan Singh said on connecting all the panchayats of the country with the meteorological department, farmers will benefit from this.

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर । पंचायती राज मंत्रालय ने देश के सभी पंचायतों को मौसम पूर्वानुमान से जोड़ा है। इससे हमारे किसान भाइयों को मौसम के बारे में पहले ही जानकारी मिल जाएगी कि आने वाले दिनों में मौसम कैसा रहेगा। ऐसे में यह कदम किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित होगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। इसी संबंध में जनता दल यूनाइटेड के नेता और केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का बयान सामने आया है।

उन्होंने कहा, “आज पंचायती राज मंत्रालय और भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए देश की सभी पंचायतों को मौसम पूर्वानुमान की सूचना से जोड़ने का कार्य किया है। यह पहल हमारे देश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत प्रभावशाली साबित होगी।”

उन्होंने आगे कहा, “भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां अधिकांश जनसंख्या गांवों में निवास करती है और अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर करती है। इस संदर्भ में अगर किसानों को समय पर जानकारी मिल जाए कि कब बारिश होगी, कब बाढ़ आ सकती है, या कब चक्रवात के आसार हैं, तो यह उनकी खेती और संसाधनों की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।”

बता दें कि इस प्रणाली को जमीन पर उतारे जाने से किसानों को मौसम की सूचना 10 दिन पहले ही मिल जाएगी। इतना समय आपदा प्रबंधन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हो सकता है। जब किसानों को सही समय पर जानकारी मिलेगी, तो वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठा सकेंगे। इससे न केवल उनकी फसलें सुरक्षित रहेंगी, बल्कि आर्थिक रूप से भी वे सशक्त बनेंगे। पंचायतें अब सीधे मौसम पूर्वानुमान की सूचना प्राप्त कर सकेंगी, जिससे वे अपने क्षेत्र के किसानों को तत्काल और सटीक जानकारी प्रदान कर सकेंगी। यह प्रणाली प्राकृतिक आपदाओं के समय किसानों को सचेत करने का एक सशक्त साधन बन जाएगी।

इससे हमारी कृषि प्रणाली में एक सकारात्मक बदलाव आएगा, जो हमारे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सहायक होगा। यह कदम किसानों के हित में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता और जीवनस्तर में सुधार होगा।

Exit mobile version